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UNESCO: रामचरितमानस, पंचतंत्र अब बनी विश्व की धरोहर, यूनेस्को ने मेमोरी लिस्ट में किया शामिल

UNESCO: यूनेस्को ने रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयालोक-लोकन को बड़ा सम्मान देते हुए अपनी मेमोरी लिस्ट में शामिल किया है। यूनेस्को के इस कदम से भारत की धरोहर रामचरितमानस और पंचतंत्र की दंतकथाएं अब विश्व धरोहर बन गई है। बता दें कि भारत के तीन कृतियों को यूनेस्को ने ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर’ में […]

Ramcharitmanas, Panchatantra now become world heritage
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  • Last Updated: May 15, 2024 10:24:41 IST

UNESCO: यूनेस्को ने रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयालोक-लोकन को बड़ा सम्मान देते हुए अपनी मेमोरी लिस्ट में शामिल किया है। यूनेस्को के इस कदम से भारत की धरोहर रामचरितमानस और पंचतंत्र की दंतकथाएं अब विश्व धरोहर बन गई है। बता दें कि भारत के तीन कृतियों को यूनेस्को ने ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर’ में (Ramcharitmanas and Panchatantra in Unesco)शामिल किया है।

 

मंगोलिया में हुई थी मीटिंग

यूनेस्‍को ने रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियां और पंचतंत्र दंतकथाओं की 15वीं शताब्दी की पांडुलिपि को एशिया-पैसिफिक की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर’ के साल 2024 के संस्‍करण में शामिल किया है। यह फैसला एशिया और प्रशांत क्षेत्र मामलों की विश्व स्मृति समिति यानी एमओडब्ल्यूसीएपी की 10वीं बैठक में लिया गया है।

सांस्कृतिक विरासत को मिला बढ़ावा

7 से 8 मई तक मंगोलिया की राजधानी उलनबटोर में हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियों, पंचतंत्र दंतकथाओं और सहृदयालोक-लोकन की पांडुलिपि: भारतीय काव्यशास्त्र का एक मौलिक पाठ को इस सूची में शामिल किया जाए। इस फैसले से देश की समृद्ध साहित्यिक विरासत और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाया गया है।

 

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