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‘जब मनमोहन सिंह लेटरल एंट्री द्वारा सचिव बने तो क्यों हल्ला कर रही कांग्रेस’, कानून मंत्री ने विपक्ष पर किया तीखा वार

नई दिल्ली: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को राहुल गांधी पर उनके इस दावे के लिए निशाना साधा कि सरकार लेटरल एंट्री के जरिए आरक्षण प्रणाली को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता को याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 1976 में लेटरल एंट्री […]

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  • Last Updated: August 20, 2024 05:43:59 IST

नई दिल्ली: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को राहुल गांधी पर उनके इस दावे के लिए निशाना साधा कि सरकार लेटरल एंट्री के जरिए आरक्षण प्रणाली को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता को याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 1976 में लेटरल एंट्री के जरिए वित्त सचिव बनाया गया था।

मनमोहन सिंह लेटरल एंट्री का हिस्सा थें 

मंत्री ने कहा, “डॉ मनमोहन सिंह भी लेटरल एंट्री का हिस्सा थे। आपने उन्हें 1976 में सीधे वित्त सचिव कैसे बना दिया?” उन्होंने कहा कि तत्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया लेटरल एंट्री के जरिए सेवा में आए थे। उन्होंने कहा कि सीपीपी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का प्रमुख बनाया गया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “प्रधानमंत्री का पद एक संवैधानिक पद है। लेकिन क्या एनएसी एक संवैधानिक निकाय है?” सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री से ऊपर रखा गया है।

लोगों को गुमराह कर रहे राहुल- कानून मंत्री 

अर्जुन मेघवाल ने बीकानेर में मीडिया से कहा, “जो भी नियुक्तियां या भर्ती या चयन होना है, वो यूपीएससी करेगा। इसमें भाजपा, आरएसएस का मुद्दा कहां है? निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।” मंत्री ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह करने और यूपीएससी जैसी संस्थाओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता होने के बावजूद राहुल गांधी गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।

लेटरल एंट्री क्या है?

अगर लेटरल एंट्री की बात करें तो यूपीएससी लेटरल एंट्री के जरिए उम्मीदवारों को सीधे उन पदों पर नियुक्त किया जाता है जिन पर आईएएस रैंक के अधिकारी तैनात होते हैं।

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