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नामीबिया के जानवरों पर मंडरा रहा खतरा, अनंत अंबानी ने दिखाया बड़ा दिल, भेजा खास प्रस्ताव

भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी एक बार फिर से जानवरों की जान बचाने के लिए सामने आए हैं।

Anant Ambani Vantara
inkhbar News
  • Last Updated: September 6, 2024 17:08:04 IST

नई दिल्ली: भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी एक बार फिर से जानवरों की जान बचाने के लिए सामने आए हैं। उनकी संस्था वनतारा फाउंडेशन ने नामीबिया सरकार से वहां के जानवरों का वध रोकने का आग्रह किया है। उन्होंने इन जानवरों को सुरक्षित रखने का प्रस्ताव भी दिया है।

नामीबिया के सूखे का संकट

अफ्रीकी देश नामीबिया इस समय भयानक सूखे और अकाल से जूझ रहा है। इस संकट से निपटने के लिए वहां की सरकार ने 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सूखे के कारण नामीबिया की लगभग 84% खाद्य आपूर्ति खत्म हो गई है, जिससे देश में भारी खाद्य संकट पैदा हो गया है।

वनतारा फाउंडेशन का प्रस्ताव

वनतारा फाउंडेशन ने नामीबिया सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने जानवरों को उम्रभर या अस्थायी रूप से शरण देने की पेशकश की है। उनके इस प्रस्ताव का उद्देश्य जानवरों की जान बचाना है, जिन्हें सरकार ने मारने का फैसला किया है। वनतारा फाउंडेशन ने कहा है कि वे नामीबिया की सरकार और अन्य संगठनों के साथ मिलकर इन जानवरों को एक नई जिंदगी देने के लिए तैयार हैं।

नामीबिया में कितने जानवरों पर है संकट

नामीबिया के पर्यावरण, वानिकी और पर्यटन मंत्रालय ने एक लिस्ट जारी की है, जिसमें उन जानवरों का उल्लेख है जिन्हें मारा जाना है। इस लिस्ट में 83 हाथी, 60 भैंसे, 30 दरियाई घोड़े, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 50 इम्पाला और 300 जेब्रा शामिल हैं।

वनतारा फाउंडेशन में जानवरों की देखभाल

अनंत अंबानी द्वारा स्थापित वनतारा फाउंडेशन वन्यजीवों के संरक्षण और देखभाल के लिए जाना जाता है। 3500 एकड़ में फैले इस सेंटर में 200 से अधिक हाथी और 300 से अधिक बाघ, शेर, जगुआर और तेंदुए जैसे जानवर रहते हैं। इनके देखभाल के लिए 2,000 से अधिक कर्मचारी तैनात हैं। इसके अलावा, यहां एक वर्ल्ड क्लास अस्पताल और रिसर्च सेंटर भी है, जहां जानवरों की हर संभव देखभाल की जाती है।

वनतारा का प्रयास और उम्मीद

वनतारा फाउंडेशन को उम्मीद है कि वे नामीबिया सरकार और अन्य संगठनों के साथ मिलकर इन जानवरों को बचाने में सफल होंगे। हालांकि, नामीबिया की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन अनंत अंबानी की इस पहल ने जानवरों के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता और समर्पण को फिर से साबित कर दिया है।

अनंत अंबानी का यह प्रयास न केवल जानवरों की जान बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मानवता और करुणा के लिए कोई सीमा नहीं होती। अब देखना यह है कि नामीबिया सरकार इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या सैकड़ों जानवरों की जान बचाई जा सकेगी।

 

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