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1 साल के बच्चे को ऐसी बीमारी, जो पैदा कर रही है सेक्स की इच्छा, जानें पूरी कहानी!

एक साल के छोटे बच्चे को एक ऐसी बीमारी हो गई है, जिसे सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा। आमतौर पर इस उम्र में बच्चे खड़ा होना और चलना सीखते हैं

Rare Hormonal Condition
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  • Last Updated: September 6, 2024 18:15:11 IST

नई दिल्ली: एक साल के छोटे बच्चे को एक ऐसी बीमारी हो गई है, जिसे सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा। आमतौर पर इस उम्र में बच्चे खड़ा होना और चलना सीखते हैं, लेकिन इस बच्चे के साथ जो हो रहा है, वह बेहद हैरान करने वाला है। इस मासूम का शरीर एक वयस्क की तरह विकसित हो रहा है, और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसे इस छोटी उम्र में ही सेक्स की इच्छा हो रही है।

कौन सी है यह बीमारी?

इस एक साल के बच्चे के शरीर पर वयस्कों की तरह बाल आ रहे हैं, और उसका जननांग भी बड़ा हो गया है। इस बच्चे का टेस्टोस्टेरोन लेवल एक 25 साल के नौजवान के बराबर है। यह बच्चा एक रेयर हॉर्मोनल कंडीशन ‘प्रीकोशियस प्यूबर्टी’ (Precocious Puberty) का शिकार हो गया है। इस बीमारी की वजह से उसके शरीर में ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जो आमतौर पर किशोरावस्था में होते हैं।

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माता-पिता को कैसे चला पता?

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इस बच्चे के माता-पिता को उसकी इस बीमारी के बारे में 6 महीने पहले पता चला। उन्होंने देखा कि उनके बच्चे का जननांग उसके शरीर के बाकी हिस्सों के मुकाबले काफी बड़ा हो गया है। पहले तो उन्होंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन जब बच्चे के 6 महीने के होते ही शक गहरा हुआ, तब वे उसे डॉक्टर के पास ले गए।

डॉक्टर ने क्या बताया?

डॉक्टर ने बच्चे की जांच की और पाया कि वह ‘प्रीकोशियस प्यूबर्टी’ का शिकार है। डॉक्टर ने उन्हें पेरु की लीना मेडिना के बारे में भी बताया, जो मात्र 5 साल की उम्र में मां बन गई थी। लीना के माता-पिता को लगा था कि उसकी पेट में ट्यूमर है, लेकिन असल में वह गर्भवती थी। डॉक्टर ने इस मामले को भी गंभीर बताया, क्योंकि इस बच्चे के साथ आगे चलकर सेक्स की इच्छा और भी ज्यादा बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस बीमारी के कारण बच्चा शारीरिक रूप से 3 या 4 फुट की ऊंचाई तक ही रह सकता है।

इस बीमारी का क्या है इलाज?

फिलहाल, इस बच्चे का इलाज दवाइयों के जरिए किया जा रहा है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को यह दवाइयां तब तक दी जाएंगी, जब तक वह इस बीमारी को समझने लायक नहीं हो जाता। इलाज के दौरान उसकी स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि उसके विकास और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके।

 

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