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माता पार्वती को भूलकर इस सुंदर स्त्री से संबंध बनाना चाहते थे महादेव, दोनों से हुआ एक पुत्र का जन्म

Lord Ayyappa: तीनों लोकों को मोहित करने का सामर्थ्य भगवान विष्णु के मोहिनी रूप में हैं। उनके रूप के जादू से स्वयं महादेव भी नहीं बच पाए थे। समुद्र मंथन के समय दैत्य और देवता अमृत कलश एक दूसरों के हाथों से छीन रहे थे। इसी बीच उनके बीच एक परम सुंदरी आईं, जिसे देखकर […]

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  • Last Updated: September 14, 2024 09:10:58 IST

Lord Ayyappa: तीनों लोकों को मोहित करने का सामर्थ्य भगवान विष्णु के मोहिनी रूप में हैं। उनके रूप के जादू से स्वयं महादेव भी नहीं बच पाए थे। समुद्र मंथन के समय दैत्य और देवता अमृत कलश एक दूसरों के हाथों से छीन रहे थे। इसी बीच उनके बीच एक परम सुंदरी आईं, जिसे देखकर सब मोहित हो गए। देवता से लेकर दैत्य तक उसके मनोरम रूप में खो गए। सब यहीं कहने लगे कि ये स्त्री अभी तक तो तुम्हें किसी ने छुआ तक नहीं होगा। वह स्त्री कोई और नहीं बल्कि श्री हरि विष्णु थे।

मोहिनी को देखकर कामुक हुए शिव

महादेव को जब विष्णु के मोहिनी रूप के बारे में पता चला तो वो बैकुंठ धाम पहुंचे। भगवान की स्तुति करने के बाद कहा कि जो रूप आपने देवताओं और दैत्यों को दिखाया वो हमें भी दिखाएँ। तभी महादेव ने देखा कि वो एक फूलों से भरे उपवन में पहुँच गए हैं। वहाँ पर एक स्त्री सुन्दर परिधान पहने हुए क्रीड़ा कर रही है। स्त्री ने जब अपनी तिरछी नज़रों से महादेव की तरफ देखा तो भोले शंकर व्याकुल हो उठे। कभी कामदेव को भस्म कर देने वाले महादेव अपने मन पर काबू नहीं कर पाए। उन्हें अपनी सुध तक नहीं रही।

महादेव ने पकड़े मोहिनी के केश

मोहिनी के प्रति भगवान शंकर इस तरह मोहित हुए कि महामाया मोहिनी के पीछे दौड़ने लगे। महादेव उस समय माता पार्वती तक को भूल गए। कामदेव से परास्त हो चुके महादेव ने मोहिनी के केश पकड़ लिए। मोहिनी ने महादेव के हाथों से अपने बाल छुड़वाएं और चल दी। महादेव विष्णु के पीछे-पीछे दौड़ने लगे। इस दौरान पृथ्वी पर शंकर का वीर्य स्खलन होकर गिरने लगा। महादेव के वीर्य से सस्तव नामक पुत्र का जन्म का हुआ। सस्तव को अयप्पा कहा गया है।

 

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