Inkhabar
  • होम
  • लाइफस्टाइल
  • क्या फेफड़े में कैंसर और नहीं मिल रही राहत,ज़रूर देखे ये उपाय

क्या फेफड़े में कैंसर और नहीं मिल रही राहत,ज़रूर देखे ये उपाय

नई दिल्ली: भारत में फेफड़े के कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो मरीजों में मृत्यु कारण बनता जा रहा है। इस बीमारी के मुख्य कारणों में धूम्रपान, निष्क्रिय धूम्रपान, रसायनों के संपर्क में आना, पारिवारिक इतिहास तनाव और जेनेटिक्स शामिल हैं। इसके बावजूद लोग अक्सर इसकी चेतावनी को नजरअंदाज […]

Lung Cancer Signs
inkhbar News
  • Last Updated: September 25, 2024 21:40:59 IST

नई दिल्ली: भारत में फेफड़े के कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो मरीजों में मृत्यु कारण बनता जा रहा है। इस बीमारी के मुख्य कारणों में धूम्रपान, निष्क्रिय धूम्रपान, रसायनों के संपर्क में आना, पारिवारिक इतिहास तनाव और जेनेटिक्स शामिल हैं। इसके बावजूद लोग अक्सर इसकी चेतावनी को नजरअंदाज कर देते हैं। वहीं खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, थकान, घरघराहट और निगलने में समस्या जैसे लक्षणों को अनदेखा करने से स्थिति गंभीर हो जाती है।

कैंसर का एक प्रमुख

फेफड़े के कैंसर को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते इसका पता लगाया जा सके और उचित इलाज किया जा सके। इसके साथ ही इस बीमारी से जुड़े मिथकों को दूर करने की भी आवश्यकता है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण है और इसीलिए धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक अभियान और कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।

खून वाली खांसी या घरघराहट

लोगों को यह भी समझाना जरूरी है कि किसी भी लक्षण जैसे खून वाली खांसी या घरघराहट होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फेफड़ों के कैंसर से जुड़ी रोकथाम तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर सहायता समूह लोगों को आपस में जोड़ने और उनके अनुभव साझा करने का मंच प्रदान कर सकते हैं, जिससे इस गंभीर बीमारी से मिलकर लड़ा जा सके।

फेफड़े के कैंसर का इलाज

फेफड़े का कैंसर अक्सर शुरुआती चरणों में ही पकड़ में आ जाता है, जिससे उपचार के कई विकल्प उपलब्ध होते हैं। सर्जरी, विकिरण उपचार, कीमोथेरेपी, और नई एकल चिकित्सा तकनीकों के जरिए कैंसर का प्रभावी इलाज संभव है। वहीं समय पर पहचान और जागरूकता से इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, जिससे मरीजों को बेहतर जीवन मिल सकेगा।

यह भी पढ़ें: इंसान को अपने आखिरी पलों में सकारात्मक क्यों रहें चाहिए, जानें इस रिसर्च में