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विदेश में जाकर पढ़ाई करना एक नई बीमारी -जगदीप धनखड़

नई दिल्ली : उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के बच्चों में अब विदेश जाना एक नई बीमारी बन गई है। यह विदेशी मुद्रा और प्रतिभा का पलायन है। शिक्षा के व्यवसायीकरण से इसकी गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, जो देश के भविष्य के लिए अच्छी बात नहीं है। इस साल 13 लाख छात्र […]

Vice President Jagdeep Dhankhar
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  • Last Updated: October 19, 2024 21:59:08 IST

नई दिल्ली : उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के बच्चों में अब विदेश जाना एक नई बीमारी बन गई है। यह विदेशी मुद्रा और प्रतिभा का पलायन है। शिक्षा के व्यवसायीकरण से इसकी गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, जो देश के भविष्य के लिए अच्छी बात नहीं है।

इस साल 13 लाख छात्र विदेश पढ़ने गए

जगदीप धनखड़ ने कहा, “अनुमान है कि वर्ष 2024 में करीब 13 लाख छात्र विदेश गए। उनके भविष्य का क्या होगा? फिलहाल इसका आकलन किया जा रहा है। लोग समझ रहे हैं कि अगर वे यहां पढ़ते तो उनका भविष्य कितना उज्ज्वल होता।” उपराष्ट्रपति के अनुसार, ‘इस पलायन’ ने “हमारी विदेशी मुद्रा में छह अरब डॉलर का छेद” कर दिया। ऐसे में जगदीप धनखड़ ने उद्योग जगत के नेताओं से अपील की कि वे छात्रों को जागरूक करें और प्रतिभा पलायन के साथ-साथ विदेशी मुद्रा की हानि को रोकने में मदद करें।

 

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