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चीफ जस्टिस की बेटियां को हैं गंभीर डिसऑर्डर, जानें इसके लक्षण और बचाव

नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस सीजेआई चंद्रचूढ़ इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए है. बता दें कुछ दिनों पहले चंद्रचूढ़ ने अपनी दो बेटियों की जन्मजात और दुर्लभ बीमारी पर बात की है. सीजेआई ने बताया कि उनकी बेटिया नेमालाइन मायोपैथी नामक डिसऑर्डर की शिकार हैं. ये एक ऐसा डिसऑर्डर है. जिसका कोई इलाज […]

CJI
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  • Last Updated: October 26, 2024 10:43:25 IST

नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस सीजेआई चंद्रचूढ़ इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए है. बता दें कुछ दिनों पहले चंद्रचूढ़ ने अपनी दो बेटियों की जन्मजात और दुर्लभ बीमारी पर बात की है. सीजेआई ने बताया कि उनकी बेटिया नेमालाइन मायोपैथी नामक डिसऑर्डर की शिकार हैं. ये एक ऐसा डिसऑर्डर है. जिसका कोई इलाज नहीं है. तो चलिए जानते है कि ये बीमारी क्या है और इसके लक्षण क्या हैं.

क्या है नेमालाइन मायोपैथी

नेमालाइन मायोपैथी एक जन्मजात विकार यानी डिसऑर्डर है. इसमें मसल्स से जुड़ी परेशानी होती है. इस बीमारी के वजह से मांसपेशियों का प्रोटीन खत्म होने लगता है. नेमालाइन मायोपैथी मांसपेशियों को बुरी तरह से प्रभावित करती है. जिसके वजह से मरीज का मूव करना मुश्किल हो जाता है.

ये बीमारी गर्दन और जबड़े के आसपास की मांसपेशियों को खासकर नुकसान पहुंचाती है. जिसके वजह से मरीज को सांस लेने और निगलने, यहां तक की कुछ खाने पीने और बोलने तक में दिक्कत होती है. बता दें आपको कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. ये बीमारी रेयर है.

लक्षण और इलाज

ये डिसऑर्डर जन्मजात होते है. बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते है. ये बीमारी विकसित होती है. वहीं जब बच्चे इस बीमारी के शिकार होते है तब उनकी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं. जिनसे उन्हें चलने फिरने में परेशानी होती है. बच्चे बोलते वक्त भी दर्द महसूस करते है. मांसपेशियों के कमजोर होने वजह से बच्चे के चेहरे का आकार भी बदल जाता है.

इस बीमारी की इलाज की बात करें तो इसका कोई इलाज संभव नहीं है. मगर फिजियोथेरेपी की मदद से कुछ हद तक इसके लक्षणों को कंट्रोल में किया जा सकता है. वहीं स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर मरीज को सांस तक नहीं आती है. ऐसे में वेंटिलेशन की मदद ली जाती है. स्पीच थेरेपी के माध्यम से मरीजों की मदद की जाती है.

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