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क्या है डिजिटल अरेस्ट, इससे कैसे बच सकते हैं आप? PM मोदी ने बताए 3 स्टेप्स

नई दिल्ली: आजकल फ्रॉड कॉल के जरिए लोगों के लूटे जाने की कई खबरें सामने आती रहती है। कई बार लोग डिजिटल अरेस्ट हो जाते हैं और उसमें फंसते जाते हैं। डिजिटल गिरफ्तारी से कैसे बचा जाए इसे लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। अब खुद पीएम मोदी ने भी इस बारे में […]

Digital Arrest
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  • Last Updated: October 27, 2024 15:10:40 IST

नई दिल्ली: आजकल फ्रॉड कॉल के जरिए लोगों के लूटे जाने की कई खबरें सामने आती रहती है। कई बार लोग डिजिटल अरेस्ट हो जाते हैं और उसमें फंसते जाते हैं। डिजिटल गिरफ्तारी से कैसे बचा जाए इसे लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। अब खुद पीएम मोदी ने भी इस बारे में बात की। आज हम आपको बताएंगे डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बचा जाए?

क्या है डिजिटल गिरफ्तारी

दरअसल यह साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है, जिसमें जालसाज पुलिस, सीबीआई, ईडी, कस्टम, इनकम टैक्स या नारकोटिक्स अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल करते हैं और फिर उन पर या उनके करीबियों पर कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं। इसके बाद घोटालेबाज मामले को निपटाने के लिए तुरंत वीडियो कॉल की मांग करते हैं और कॉल या वीडियो कॉल पर गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं। इसके बाद पीड़ित को वीडियो कॉल पर फर्जी आईडी या कोर्ट के दस्तावेज दिखाकर धमकाया जाता है और उन पर “गिरफ्तारी” से बचने के लिए ‘जुर्माना’ भरने का दबाव बनाया जाता है।

इससे कैसे बचें?

पीएम मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के 3 कदम बताए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि रुकें, सोचें और कार्रवाई करें। पीएम मोदी ने लिखा कि डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार कोई भी हो सकता है। आपको डरने की जरूरत नहीं है। इसमें लोगों ने अपनी मेहनत के लाखों रुपये गंवाए हैं. यह किसी के साथ भी हो सकता है

पहला कदम- इंतजार करें- रुकें, “जैसे ही कॉल आए, रुकें, घबराएं नहीं, शांत रहें। जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। अपनी निजी जानकारी किसी को न दें। हो सके तो स्क्रीनशॉट या रिकॉर्डिंग ले लें।”

दूसरा कदम- सोचें,  “कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर धमकी नहीं देती, न ही वीडियो कॉल पर सवाल करती है और न ही पैसे मांगती है। अगर आपको डर लगता है तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है।”

तीसरा कदम- कार्रवाई करें, “राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें। cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। परिवार और पुलिस को सूचित करें। सबूत सुरक्षित रखें।”

इसके साथ ही पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कानून में डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। यह सिर्फ धोखाधड़ी, झूठ और बदमाशों का गिरोह है।

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