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एकनाथ शिंदे की घुटना टेक राजनीति पर उद्धव ठाकरे गुट का फोटो अटैक!

देवेंद्र फडणवीस के सीएम और एकनाथ शिंदे व अजित पवार के डिप्टी सीएम बन जाने के बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान चल रही है लेकिन शिंदे की बॉडी लैंग्वेज बता रही है कि वह काफी झुके हैं. इसको लेकर शिवसेना उद्धव गुट ने शिंदे पर फोटो के जरिए तगड़ा हमला बोला है.

Devendra Fadnavis Oath Ceremony
inkhbar News
  • Last Updated: December 6, 2024 20:23:38 IST

नई दिल्ली. कहते हैं कि एक तस्वीर 1000 शब्दों के बराबर होती है. कहने का मतलब यह कि तस्वीर आंखों के रास्ते दिल में उतरकर ज्यादा प्रभावी साबित होती है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के दो हफ्ते तक जिस तरह सीएम को लेकर खींचतान रही और शिवसेना शिंदे गुट के एकनाथ शिंदे को झुककर डिप्टी सीएम पद स्वीकार करना पड़ा उस पर शिवसेना उद्धव गुट को बोलने का मौका मिल गया है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता और उद्धव ठाकरे के नजदीकी अंबादास दानवे ने एक तस्वीर के जरिए शिंदे पर अटैक किया है. दानवे शिवसेना के दो फाड़ होने पर उद्धव के साथ रह गये थे और संभाजीनगर के शिवसेना यूबीटी खेमे के प्रमुख हैं.

उद्धव गुट का शिंदे पर फोटो अटैक

यह तस्वीर शपथ ग्रहण समारोह की है, जिसमें एकनाथ शिंदे झुककर गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का अभिवादन कर रहे हैं जवाब में वो दोनों हाथ जोड़ रहे हैं. बगल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी बैठे हैं लेकिन वो सामने देख रहे हैं. तस्वीर को ट्वीट कर दानवे ने लिखा है कि इसका कैप्शन लिखने की जरूरत नहीं. मतलब यह कि समर्पण साफ दिख रहा है.

पलटवार में पैंट की धूल उतारते दिखे दानवे

सोशल मीडिया के दौर में कुछ भी छिपा नहीं है लिहाजा शिंदे समर्थकों ने दानवे की एक वीडियो निकाल ली जिसमें वह राउत के पैंट की धूल झाड़ रहे हैं. आपको बता दें कि पहले देवेंद्र फडणवीस दो बार सीएम रहे और जब शिंदे ने पार्टी तोड़कर सरकार बनाई तो वह डिप्टी सीएम बने और अब शिंदे ढाई साल तक सीएम रहने के बाद डिप्टी सीएम बने हैं. इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि ये कैसी राजनीतिक मजबूरी?

गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान

बेशक सीएम और डिप्टी सीएम का शपथग्रहण हो गया है लेकिन मंत्रियों और विभागों के बंटवारे को लेकर अभी भी खीचतान चल रही है. शिंदे गृह मंत्रालय लेना चाहते हैं और तर्क यह दे रहे हैं कि जब वह सीएम थे तब गृह मंत्रालय फडणवीस के पास था. भाजपा यह मंत्रालय और स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है क्योंकि गठबंधन की राजनीति में कब क्या हो जाए यह किसी को नहीं पता. देखते हैं कि यह झगड़ा कैसे निपटता है और किसकों कितना झुकना पड़ता है.
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