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गाय का मांस परोसो या होटल बंद करो…सड़कों पर हंगामा करने उतरे बांग्लादेश के इस्लामी कट्टरपंथी, हिंदू धर्म को दिखाया नीचा

इस्लामिक कट्टरवाद बांग्लादेश के ढाका में अब इस हद तक पहुंच गया है कि ‘मुस्लिम कंज्यूमर राइट्स काउंसिल’ ने इस मांग को उठाना शुरू कर दिया है कि हर रेस्टोरेंट में या तो बीफ परोसा जाए वरना सब मिलकर उसका बहिष्कार करें।

Bangladesh's Islamic fundamentalists
inkhbar News
  • Last Updated: December 13, 2024 10:53:13 IST

नई दिल्ली: इस्लामिक कट्टरवाद बांग्लादेश के ढाका में अब इस हद तक पहुंच गया है कि ‘मुस्लिम कंज्यूमर राइट्स काउंसिल’ ने इस मांग को उठाना शुरू कर दिया है कि हर रेस्टोरेंट में या तो बीफ परोसा जाए वरना सब मिलकर उसका बहिष्कार करें। स्लिम कंज्यूमर राइट्स काउंसिल ने अपनी इस मांग को लेकर बंगशाल एरिया में एक रैली भी की और साथ में तर्क दिया कि जो रेस्टोरेंट बीफ नहीं दे रहे वो इस्लामी विचारधारा के विरुद्ध हैं इसलिए उन्हें बॉयकॉट किया जाना चाहिए।

प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए

इस दौरान रैली में शामिल प्रदर्शनकारी बंगशाल इलाके के एक होटल अल रज्जाक में एकत्रित हुए। उन्होंने इस दौरान अपनी मांग को लेकर नारेबाजी की। बार-बार कहा गया -जहां बीफ नहीं बिक रहा वो रेस्टोरेंट भारत और हिंदुत्व के एजेंट हैं। ऐसे रेस्टोरेंट्स का बहिष्कार किया जाए। इतना ही नहीं परिषद के संयोजक मुहम्मद आरिफ अल खबीर ने बीफ को इस्लामी पहचान बताया और कहा कि गोमांस खाना इसी पहचान का प्रतीक है। खबीर ने कहा कि- उनके मजहब में गोमांस खाना कोई अनिवार्य नहीं है लेकिन हिंदू मान्यताओं को नीचा दिखाने के लिए और इस्लाम के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।

गोमांस खाना कोई अनिवार्य नहीं

मुहम्मद आरिफ अल ख़बीर ने आगे कहा कि-इस्लाम में ऊंट का मांस खाना अनिवार्य नहीं है, लेकिन मुसलमान ऊंट खाते हैं क्यों ये यहूदियों के खानों में निषेध है, इसलिए इस्लाम के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए उनका ऊंट खाना जरूरी है। अपनें मेन्यू में सभी रेस्टोरेंटों को कम से कम एक बीफ डिश शामिल करके मुस्लिमों के प्रति अपना समर्थन देना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करेंगे तो ये बात सच साबित हो जाएगी की वो हिंदुत्व के एजेंट हैं और इसीलिए उनका बहिष्कार होना चाहिए। पश्चिमी देशों पर आरिफ ने अपने बयान में गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि यूरोप और अमेरिका में यहूदी और ईसाई मुस्लिमों के लिए हलाल खाना नहीं रखते। अपने खाने के लिए मुस्लिमों को अलग व्यवस्थान करनी पड़ती है। अगर हिंदुओं को ऐसे ही अपने लिए कोई विकल्प रखना है तो वो अपना रेस्टोरेंट खोल लें, मुस्लिमों के अधिकारों का हनन न करें।

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