नई दिल्ली:पटियाला के सातवें महाराज भूपिंदर सिंह अपने समय के शक्तिशाली शासकों में गिने जाते थे। लंबी चौड़ी काया के भूपिंदर सिंह अपनी शादी को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। उनके हरम की चर्चा विदेशों में भी होती थी। साल के 365 दिन अलग-अलग रानियों से संबंध बनाते थे। किस दिन कौन सी रानी के साथ सोना है, इसके लिए उन्होंने एक तरीका निकाल रखा था। इसमें हर रानी के नाम का लालटेन जलाया जाता था, जो लालटेन पहले बुझता था उस रात उस रानी के साथ संबंध बनाते थे।
महाराज भूपिंदर सिंह के 88 बच्चें थे। उनकी जीवनशैली और अय्याशियों का कई किताबों में जिक्र है। डोमीनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में लिखा है कि चाय पीते हुए वो दो मुर्गे खा जाते थे। दिन में करीब 10 किलो भोजन करते थे। हरम की महिलाओं के शरीर में अपने मन से बदलाव करते थे। इसके लिए उन्होंने फ्रांसीसी, अंग्रेज और हिंदुस्तानी पालास्टिक सर्जनों को महल में रख रखा था।
भूपिंदर सिंह पूरे समय कामवासना में लिप्त रहते थे। उनके कमरे की दीवारों पर कामोत्तेजक कलाकृतियां बनाई गई थी। उसमें बनाई गई मुद्रा से वो प्रेरणा लेकर संबंध बनाते थे। शारीरिक रूप से हष्ट-पुष्ट होने के बाद भी वो कामोत्तेजक औषधियां का प्रयोग करते थे। कहा जाता है कि कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए वो गौरेया का सिर काटकर खा जाते थे।
महाराजा भूपिंदर सिंह अपने प्राइवेट प्लेन से सफर करते थे। उनके पास कारों का भी शानदार कलेक्शन था। उनके पास 44 रोल्स रॉयस कारें थीं। 1001 नीले और सफेद हीरे के पटियाला हार के मालिक थे। खाने के इतने शौक़ीन थे कि एक बार में 40 से 50 बोनलेस चिकन खा जाते थे। उन्हें कई तरह के खेलों का भी शौक था लेकिन कामवासना में लिप्त रहने के कारण वो इससे दूर हो गए।
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