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मैं जब गुजरात का सीएम था तब अक्सर उनसे… मनमोहन सिंह के निधन पर भावुक हुए पीएम मोदी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. उन्होंने आखिरी सांस एम्स में ली। मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक लगातार 10 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वह अपने सरल व सौम्य स्वभाव की वजह से विरोधियों के बीच भी लोकप्रिय थे।

Manmohan Singh-PM Modi
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  • Last Updated: December 26, 2024 23:08:00 IST

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है। इस बीच पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी और मनमोहन सिंह की आधा दर्जन से ज्यादा तस्वीरें शेयर कर उन्हें याद किया है।

पीएम मोदी ने ये लिखा-

भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मनाता है। साधारण परिवार से उठकर वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनका हस्तक्षेप भी व्यावहारिक था। हमारे प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।

जब डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मेरे और उनके बीच नियमित बातचीत होती थी। हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता सदैव झलकती रहती थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति।

विरोधी भी करते थे सम्मान

डॉ. मनमोहन सिंह शांत और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे, जिसके कारण उन्हें उनके राजनीतिक विरोधी भी उनका सम्मानित करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वह भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के रूप में 1985 से 1987 तक कार्य किया। इसके साथ ही, वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे, जहां उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिन्हें आज भी याद किया जाता थे।

आर्थिक सुधारों में अहम रोल

आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़े कई फैसले किए, जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली। इसके साथ ही, उन्हें कई प्रमुख सम्मान मिले, जिनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड सहित अन्य कई पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां भी मिली।

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