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ममता बनर्जी ने अपने देश के जवानों पर उठाया सवाल, घुसपैठिया मुसलमानों को दिया शरण

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीएसएफ पर घुसपैठ का आरोप लगाकर सुरक्षा बलों का अपमान कर रही हैं। शुभेंदु ने ममता पर अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ‘घटिया’ राजनीति करने का आरोप लगाया।

mamta banerjee and bangladesh
inkhbar News
  • Last Updated: January 5, 2025 21:56:14 IST

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बीएसएफ (BSF) पर घुसपैठ करने का आरोप लगाने के बाद राजनीतिक माहौल और गर्मा गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इस बयान की आलोचना की है। ममता ने आरोप लगाया था कि बीएसएफ केंद्र सरकार के इशारे पर बांग्लादेश से घुसपैठ की अनुमति दे रहा है। शुभेंदु अधिकारी ने इसे सुरक्षा बलों का अपमान करार दिया। उन्होंने ममता पर आरोप लगाया कि वह अपनी राजनीतिक हितों को साधने के लिए ऐसी घटिया राजनीति कर रही हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा शासित असम में प्रशासन अवैध आव्रजन को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

शुभेंदु का ममता सरकार पर आरोप

शुभेंदु अधिकारी ने यह आरोप भी लगाया कि ममता सरकार घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बना रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीएसएफ और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 75,000 कर्मियों और 33,000 बीएसएफ कर्मियों का अपमान किया जा रहा है। भाजपा नेता ने ममता को पत्र में लिखा, “राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप स्वाभाविक हैं, लेकिन सुरक्षा बलों को घसीटना और उन्हें बदनाम करना घटिया राजनीति का हिस्सा है।”

बीएसएफ की ओर से आरोपों का खंडन

ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर आरोप लगाया था कि वह पश्चिम बंगाल को अस्थिर करने के उद्देश्य से बांग्लादेश से घुसपैठ की अनुमति दे रहे हैं। हालांकि, बीएसएफ ने इस आरोप को खारिज किया है और कहा कि वह देश की सीमा की सुरक्षा में पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। शुभेंदु ने कहा कि सुरक्षा बल बेहद कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में अपनी जान जोखिम में डालकर भारत की लंबी सीमाओं की रक्षा करते हैं। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार से यह सवाल भी उठाया कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को मजबूत करने का विरोध क्यों किया गया।

बीएसएफ से सहयोग न करने का आरोप

शुभेंदु ने यह भी आरोप लगाया कि ममता सरकार सीमा से जुड़े मामलों में बीएसएफ के साथ सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने यह कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार “पड़ोसी देशों में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को बसाने का विरोध कर रही है,” जबकि “राज्य में घुसपैठियों का स्वागत कर रही है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि असम में प्रशासन सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अवैध प्रवासियों को रोकने में काम कर रहा है, जबकि पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों को वोट बैंक बनाने के प्रयास हो रहे हैं। भाजपा नेता ने केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किए गए उपायों का भी उल्लेख किया, जैसे सीमा पर बाड़ लगाना, फ्लडलाइट्स की तैनाती और सीमा चौकियों का निर्माण।

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