नई दिल्ली। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर भारत में बवाल मच गया है। उनके साथ जिस तरह का सुलूक करते हुए अमेरिका ने वापस भेजा है, उसे लेकर विपक्षी दलों ने भारत सरकार को घेर लिया है। 5 फरवरी को अमृतसर के श्री गुरु रामदासजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिका के C-17 ग्लोबमास्टर प्लेन से 104 अवैध भारतीय अप्रवासी इंडिया पहुंचे। इनको जंजीर से बांधकर रखा गया था। जिस C-17 विमान से भारतीयों को भगाया गया, उसे अमेरिकी सेना का गजराज कहा जाता है।
रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार एक भारतीय को भेजने के लिए अमेरिका लगभग 4,07,411.76 रुपए खर्च कर रहा है। इस हिसाब से जितने भारतीय भारत पहुंचे हैं, उनपर लगे खर्च का अंदाजा लगा लीजिए। इस विमान का इस्तेमाल खतरनाक और मिशन वाले ऑपरेशनों में किया जाता है। इस कार्गो विमान में चार इंजन लगा हुआ है। यह 3500 फीट यान 1,064 मीटर तक के छोटे रनवे से भी संचालित किया जाता है। इसे तीन लोग ((पायलट, सह-पायलट और लोडमास्टर) मिलकर चलाते हैं। इसके कीमत की बात करें तो सी-17 ग्लोबमास्टर बेड़े का कुल मूल्य 75.8 बिलियन डॉलर है। इसमें प्रत्येक विमान की कीमत 340 मिलियन डॉलर है।
कई देशों की कुल जीडीपी भी इससे पीछे है। जैसे तंजानिया 75.71 बिलियन डॉलर, श्रीलंका 74.40 बिलियन डॉलर, घाना 72.84 बिलियन डॉलर, बेलारूस 72.79 बिलियन डॉलर और उरुग्वे 71.18 बिलियन डॉलर की जीडीपी इसके बेड़े की लागत में कम है। भारत के पास भी यह विमान है। साल 2021 में जब अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई थी तो वहां से भारतीयों को वापस लाने के लिए यही विमान भेजा गया था।