नई दिल्ली: महाकुंभ में लगे महाजाम की वजह से दिन पर दिन शहर की स्थिति और भी ज्यादा बदतर होती जा रही है। इसी बीच महाकुंभ में यातायात प्रबंधन को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं सघन पर्यवेक्षण में पुलिस की रणनीतिक योजना, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और अथक सेवा इस आयोजन को वैश्विक मानक बना रही है।
बीते दो दिन से लगे भीषण जाम की वजह से सोमवार को महाकुंभ जाने वाले सभी रास्तों पर लोगों को होने वाली असुविधा के बाद डीजीपी ने बयान जारी किया। डीजीपी का कहना है महाकुंभ 2025 इतिहास के सबसे बड़े श्रद्धालु समागम का गवाह बन रहा है। महाकुंभ में अभी तक 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। हर दिन लाखों लोग प्रयागराज में आ रहे हैं। प्रयागराज का बुनियादी ढांचा अपनी अधिकतम क्षमता से ज्यादा काम कर रहा है, ऐसे में यातायात में देरी स्वाभाविक है।
यातायात प्रबंधन को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा कि-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं सघन पर्यवेक्षण में पुलिस की रणनीतिक योजना, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और अथक सेवा इस आयोजन को वैश्विक मानक बना रही है। इस महाकुंभ को आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। आने वाली पीढ़ियां इसे अनुशासन, समर्पण और कर्तव्यपरायणता के प्रतीक के रूप में याद करेंगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने आगे कहा कि-प्रयागराज में जाम लगना कोई प्रशासनिक असफलता नहीं है, बल्कि इसके पीछे की सबसे बड़ा कारण श्रद्धालुओं की असाधारण संख्या का परिणाम है। इस अभूतपूर्व मानव एवं वाहनों के प्रवाह का प्रबंधन करना किसी भी प्रशासन या पुलिस बल के लिए अब तक की सबसे कठिन चुनौती
डीजीपी प्रशांत कुमार ने आगे कहा कि- पुलिस का हर सिपाही से लेकर अधिकारी दिन-रात अथक परिश्रम कर असाधारण धैर्य, समर्पण और निष्ठा का प्रदर्शन कर रहे हैं। हर सिपाही श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करने के साथ उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं। वह सभी शहर को सुव्यवस्थित बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इतने विशाल मानवीय प्रवाह का प्रबंधन करना पुलिस के लिए एक ऐतिहासिक कार्य है। दुनिया में कहीं भी ऐसी कोई मिसाल नहीं है कि किसी पुलिस बल ने इतनी विशाल मानव-आवाजाही और वाहनों के प्रवाह को इतनी दक्षता से प्रबंध किया हो। डीजीपी ने कहा कि- मीडिया एवं सोशल मीडिया पर आलोचना होना स्वाभाविक है, लेकिन यह देखना भी अत्यंत हृदयस्पर्शी है कि कई श्रद्धालु चाहे वे आम लोग हों या प्रतिष्ठित लोग, वह पुलिस और प्रशासन के असाधारण प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।
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