पटना/नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव खत्म होने के बाद अब बिहार चुनाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। साल के आखिरी में बिहार में विधानसभा के चुनाव होंगे। इस बीच बिहार में चुनाव को लेकर सियासी पारा बढ़ चुका है। सत्ताधारी NDA गठबंधन के प्रमुख दल जेडीयू में चुनाव को लेकर हलचल तेज हो चुकी है।
इस बीच बिहार के सीएम और जेडीयू के सुप्रीम लीडर नीतीश कुमार अचानक पटना स्थित पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दफ्तर पहुंचे हैं। नीतीश के पार्टी दफ्तर पहुंचने से राजधानी दिल्ली में भी हलचल बढ़ गई है।
मालूम हो कि जेडीयू के कई नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलने चाहिए। जेडीयू के नेता बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें कम से कम 130 सीटें लड़ने के लिए मिलनी चाहिए।
बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने भले ही बीजेपी से पांच सीटें ज्यादा 115 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसका प्रदर्शन भाजपा की तुलना में काफी खराब रहा था। भाजपा ने जहां 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 74 पर जीत हासिल की थी। वहीं, जेडीयू सिर्फ 43 विधानसभा सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। ऐसे में इस बार जेडीयू का ज्यादा सीटें मांगना बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता का नेतृत्व कर रही बीजेपी के पास इस वक्त 240 लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगियों के पास 53 सांसद हैं, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के पास 16 और नीतीश कुमार की जेडीयू के पास 12 सांसद हैं। इन दोनों क्षेत्रीय दलों पर मोदी सरकार की निर्भरता कुछ ज्यादा ही है, क्योंकि इनके हटने पर एनडीए की संख्या 265 पर पहुंच जाती है, जो बहुमत- 272 से 7 कम है।
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