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पसमांदा के बाद अब सूफी मुस्लिमों को साधने में जुटी बीजेपी, बनाया तगड़ा प्लान

बीजेपी नेताओं का मानना है कि सूफीवाद भारत के इस्लाम का सार है और हमारी पार्टी इसी तथ्य को ही देश के सामने पेश करना चाहती है। भाजपा नेताओं ने कहा कि मध्य युग के मुस्लिम कवियों में भगवान कृष्ण जैसे हिंदू देवताओं के लिए बहुत ज्यादा श्रद्धा थी, उनकी रचनाएं इसका उदाहरण देती हैं।

Sufi Saint-BJP
inkhbar News
  • Last Updated: March 2, 2025 12:56:47 IST

नई दिल्ली। पीएम मोदी शुक्रवार को दिल्ली में ‘जहान-ए-खुसरो’ के 25वें संस्करण समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सूफी परंपरा और 13वीं सदी के सूफी कवि अमीर खुसरो की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने गुजरात का सीएम रहते हुए अहमदाबाद की एक सूफी मस्जिद ‘सरखेज रोजा’ के जीर्णोद्धार कराया था।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह इस समारोह में सूफीवाद पर जोर दिया, उससे साफ जाहिर हो गया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जो फोकस पसमांदा मुस्लिम समुदाय पर बना रखा है, अब वो वही पहुंच सूफीवाद के लिए भी अपना रही है।

बीजेपी ने देशभर में चलाया अभियान

मालूम हो कि बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा बहुत पहले से ही सूफियों को अपने साथ जोड़ने के अभियान की शुरुआत कर चुका है। साल 2022 से अभी तक देशभर के सूफी खानकाहों या स्थलों से जुड़े हुए 14,000 लोग बीजेपी के साथ जुड़ चुके हैं।

सूफीवाद से खत्म होगा कट्टरपंथ

बीजेपी नेताओं का मानना है कि सूफीवाद भारत के इस्लाम का सार है और हमारी पार्टी इसी तथ्य को ही देश के सामने पेश करना चाहती है। भाजपा नेताओं ने कहा कि मध्य युग के मुस्लिम कवियों में भगवान कृष्ण जैसे हिंदू देवताओं के लिए बहुत ज्यादा श्रद्धा थी, उनकी रचनाएं इसका उदाहरण देती हैं। सूफीवाद की सोच को बढ़ावा देकर हमारे देश से कट्टरपंथी सोच का खात्मा किया जा सकता है।

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