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शेयर बाजार क्रैश से मचा हाहाकार, अब तो कुछ करो सरकार!

शेयर बाजार में चल रही भारी गिरावट को रोकने के लिए सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग बढ़ रही है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में संभावित कटौती या उसे खत्म करने की भी बात हो रही है। इसके अलावा सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को कम करने या फिर उसे खत्म करने की मांग की जा रही है। हालांकि सरकार अभी किसी हस्तक्षेप के मूड में नहीं लग रही है।

Stock market crash
inkhbar News
  • Last Updated: March 3, 2025 19:45:43 IST

नई दिल्ली : शेयर बाजार में चल रही भारी गिरावट को रोकने के लिए सरकार के हस्तक्षेप करने की मांग बढ़ रही है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में संभावित कटौती या उसे खत्म किया जाए यह विश-लिस्ट में शामिल है। इसके अलावा सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को कम करने या उसे खत्म करने की मांग की जा रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार ‘वेट एंड वॉच’ मॉड में है। सरकार तुरंत किसी तरह के दखल की कोई योजना नहीं बना रही है।

 

STT कब लगाया जाता है

सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स भारत में मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से लेन-देन की गई सिक्योरटीज के वैल्यू पर लगाया जाने वाला कर है। इक्विटी शेयरों की खरीद पर 0.1% का STT लगाया जाता है। बजट 2025-26 में STT से प्राप्त रेवेन्यू से इनकम टैक्स कलेक्शन में 14.4% की वृद्धि होने का अनुमान है। केंद्र ने बजट 2024-25 में विभिन्न ट्रेडिंग सेगमेंट में एसटीटी दरों में वृद्धि की थी। ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एसटीटी दर 0.0625% से बढ़ाकर 0.1% कर दी गई। वायदा कारोबार में इसे 0.0125% से बढ़ाकर 0.02% कर दिया गया।

सरकार नहीं छोड़ेगी

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को कम करने की अपील का जिक्र करते हुए सूत्र ने कहा कि सरकार राजस्व को नहीं छोड़ सकती, खासकर तब जब एलटीसीजी इक्विटी बाजारों में गिरावट का कारण नहीं है। एलटीसीजी एक ऐसा टैक्स है जो स्टॉक, रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड आदि जैसी कुछ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की सेल या ट्रांसफर से अर्जित मुनाफे पर लगाया जाता है। जुलाई 2024 तक इंडेक्सेशन लाभों की परवाह किए बिना सभी एसेट क्लास में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 12.5% ​​​​की एक समान कर दर लागू होती है।

 

 

 

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