नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) को ‘नवरत्न’ का दर्जा देने की मंजूरी दी है। ‘नवरत्न’ का मतलब है कि इसे अब कुछ खास अधिकार दिए जाएंगे, जिससे ये अधिक स्वतंत्रता के साथ काम कर सकेगा। इससे पहले IRFC इस दर्जे से बाहर हो गया था। अब यह भारतीय रेलवे से जुड़ा 26वां ‘नवरत्न’ बन गया है।
IRFC एक सरकारी कंपनी है जो भारतीय रेलवे के लिए पैसे का प्रबंधन करती है। इसका काम रेलवे को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि रेल परियोजनाओं को पूरा किया जा सके। वित्तीय वर्ष 2023-24 में IRFC ने 26,644 करोड़ रुपये का कारोबार (टर्नओवर) किया और 6,412 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। इसके पास कुल 49,178 करोड़ रुपये की संपत्ति (नेट वर्थ) है। ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से IRFC को अपने फैसले खुद लेने में ज्यादा स्वतंत्रता होगी।
यह सरकारी कंपनी अब और बेहतर तरीके से काम कर पाएगी। यह रेलवे के विकास के लिए अब और ज्यादा प्रभावी ढंग काम करेगी। इससे भारतीय रेलवे के लिए अधिक संसाधन जुटाए जा सकेंगे। साथ ही रेलवे के विस्तार में मदद मिलेगी। रेल मंत्री ने इस उपलब्धि पर IRCTC और IRFC की टीम को बधाई दिया हैं। उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा, ”आईआरसीटीसी और आईआरएफसी की टीम को नवरत्न का दर्जा मिलने पर बधाई।’
रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) IRCTC को नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद अब ये सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज़ कंपनियों में 25वीं नवरत्न कंपनी में शामिल हो गई है। IRCTC का सालाना टर्न ओवर ₹4,270.18 करोड़ रूपए है। साल 2020-24 में इसकी नेटवर्थ ₹3,229.97 Cr आंकी गई है।
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