मुंबई: हरियाणा सरकार ने गन कल्चर को बढ़ावा देने वाले गानों पर सख्त रुख अपनाते हुए कई मशहूर हरियाणवी गानों को बैन कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत पॉपुलर सिंगर मासूम शर्मा के ‘ट्यूशन बदमाशी का’, ‘60 मुकदमे’ और ‘खटोला’ जैसे गाने यूट्यूब से हटा दिए गए हैं। वहीं अब हरियाणा सरकार के इस फैसले पर मासूम शर्मा ने गुस्सा ज़ाहिर करते हुए और उनकी कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताते हुए फेसबुक लाइव के जरिए विरोध जताया है.
मासूम शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार ने सिर्फ उनके गानों को टारगेट किया, जबकि यूट्यूब पर ऐसे हजारों गाने मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि अगर यही सिलसिला जारी रहा तो हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ेगा और युवा पीढ़ी पंजाबी गानों को सुनने लगेगी। इसके कारण ही उन्होंने हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री बंद हो सकती है.
उन्होंने सरकार के पब्लिसिटी सेल से जुड़े एक अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्रवाई उच्च पद पर बैठे एक व्यक्ति के कहने पर की गई है, जो हरियाणवी कलाकारों की तरक्की नहीं देखना चाहता। उन्होंने दावा किया कि इसी व्यक्ति के दखल से सूरजकुंड मेले में केडी दनौदा का शो भी रद्द करवा दिया गया था।
मासूम शर्मा का कहना है कि सरकार के कुछ लोग चुनिंदा गानों की लिस्ट बनाकर उन्हें बैन करवा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गायक नरेंद्र भगाना और अंकित बालियान के भी एक-एक गानों को हटा दिया गया ताकि ऐसा लगे कि कार्रवाई सभी पर हो रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर सरकार को गानों की अश्लीलता और गलत प्रभाव की चिंता है, तो फिर उन गानों पर भी रोक क्यों नहीं लगाई जा रही, जो अश्लीलता परोसते हैं और उन्हें फोक म्यूजिक का नाम दिया जा रहा है?
मासूम शर्मा ने कहा कि उनके कई और हिट गाने भी हैं, सरकार चाहे तो वे भी हटा सकती है. लेकिन केवल उनके ‘बदमाशी वाले’ गानों को बैन करना भेदभाव है। इसके साथ ही उन्होंने हरियाणवी संगीत इंडस्ट्री के कलाकारों को एकजुट होने की अपील करते हुए इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही।अब देखना होगा ये हरियाणवी के बाकी कलाकार इसको लेकर क्या कदम उठाते है.
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