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प्रवेश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को कह दिया अपना भाई, आगबबूला हुए आप विधायक, सदन में मचा बवाल

आम आदमी पार्टी को मंत्री प्रवेश वर्मा के 'भाई' शब्द से दिक्कत हो गई। फिर क्या था,नेता विपक्ष आतिशी समेत कई आप विधायक अपनी कुर्सी से खड़े होकर हंगामा करने लगे। विवाद बढ़ता देख स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने दो आप विधायकों को निलंबित भी कर दिया है।

Pravesh verma
inkhbar News
  • Last Updated: March 27, 2025 16:50:59 IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के सत्र के चौथे दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मंत्री प्रवेश वर्मा ने अपनी बात रखते हुए ‘भाई’ शब्द का इस्तेमाल किया। आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को इस शब्द पर आपत्ति हुई, जिसके बाद सदन में शोरगुल बढ़ गया।

हंगामे की शुरुआत कैसे हुई?

सदन की कार्यवाही तय समय पर शुरू हुई, जहां मंत्री प्रवेश वर्मा तीर्थ यात्रा योजना का मुद्दा उठा रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट तय किया था, लेकिन इस राशि का उपयोग यात्राओं के लिए नहीं किया गया, बल्कि प्रचार-प्रसार में खर्च कर दिया गया। उनके इस बयान पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विपक्ष की नेता आतिशी ने टोका-टाकी शुरू कर दी। इस पर प्रवेश वर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, “कहां से लाए हो भाई?” बस, इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

‘भाई’ शब्द पर मचा बवाल

AAP विधायकों के हंगामे के बीच प्रवेश वर्मा ने सवाल उठाया कि आखिर ‘भाई’ शब्द से क्या दिक्कत है? उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी विशेष व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन AAP इसे अपमानजनक बता रही थी। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी हस्तक्षेप करते हुए पूछा कि ‘भाई’ शब्द ख़राब कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि यह तो एक साधारण संबोधन है, फिर इसे गलत कैसे माना जा सकता है?

दो विधायकों का निलंबन

विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा था, जिसके बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों रवि विशेष और कुलदीप कुमार को सदन से निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा, “आप लोग पहले भी कई शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं, फिर ‘भाई’ शब्द से परेशानी क्यों?” इस फैसले से AAP और भड़क गई और उन्होंने इसे आतिशी का अपमान करार दिया। पार्टी नेताओं का कहना था कि विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना था कि यह केवल एक साधारण संबोधन था और इसे गलत संदर्भ में लिया गया।

इस विवाद ने विधानसभा की कार्यवाही को बाधित कर दिया। जहां विपक्ष इसे असम्मानजनक कह रहा था, वहीं सरकार इसे अनावश्यक मुद्दा बनाने का आरोप लगा रही थी। फिलहाल, सदन में इस मुद्दे पर बहस जारी है और आने वाले दिनों में इस पर और राजनीति होने की संभावना है।

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