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नेपाल हिंसा पर एक्शन! सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को दिया करारा झटका

नेपाल में राजशाही की मांग बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को राजशाही की मांग को लेकर राजधानी काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में खूब तोड़फोड़ की है और उसे आग के हवाले कर दिया है।

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  • Last Updated: March 30, 2025 22:41:35 IST

नई दिल्ली। नेपाल के आखिरी राजा ज्ञानेंद्र शाह को नेपाली सरकार से बड़ा झटका लगा है। नेपाल की सरकार ने ज्ञानेंद्र की सुरक्षा में कटौती करने का फैसला किया है। मालूम हो कि नेपाल में इस वक्त राजशाही को वापस लाने के लिए बड़ा प्रदर्शन चल रहा है। दावा किया जा रहा है कि ज्ञानेंद्र और उनके कारीबियों की ओर से इस प्रदर्शन की शुरुआत की गई है।

राजशाही की मांग बढ़ी

बता दें कि नेपाल में राजशाही की मांग बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को राजशाही की मांग को लेकर राजधानी काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में खूब तोड़फोड़ की है और उसे आग के हवाले कर दिया है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर काफी पथराव भी किया है, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े हैं। इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं।

सरकार को मिला अल्टीमेटम

राजशाही की मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन में 40 से ज्यादा नेपाली संगठनों ने हिस्सा लिया है। आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजा आओ देश बचाओ, भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजशाही वापस चाहिए जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने नेपाली सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो और भी हिंसक प्रदर्शन होंगे।

पूर्व राजा ने मांगा था समर्थन

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के मौके पर लोगों से समर्थन मांगा था। इसके बाद से ही देश में ‘राजा लाओ, देश बचाओ’ आंदोलन की तैयारियां चल रही थीं। बता दें कि पूर्व नेपाली राजा ज्ञानेंद्र शाह पर 1 जून 2001 को नारायणहिती नरसंहार में अपने परिवार के सदस्यों की हत्या का आरोप है। इस घटना में राजा बीरेंद्र और रानी ऐश्वर्या समेत राज परिवार के नौ सदस्य मारे गए थे।

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