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नवरात्र 2025: भारत के इस राज्य में प्रसाद के तौर पर खाया जाता है मांस, जानें क्या है वजह?

नवरात्र में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन 9 दिनों में कुछ खास चीजों का परहेज किया जाता है ताकि मां दुर्गा नाराज न हों। लेकिन एक ऐसा भी राज्य है जहां नवरात्रि के दौरान केवल नॉनवेज खाया जाता है। आइए जानते हैं कौन सा है ऐसा राज्य, आखिर क्यों नवरात्रि में मांस नहीं खा सकते?

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  • Last Updated: April 2, 2025 15:20:08 IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि का बड़ा महत्व होता है। नवरात्र में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन 9 दिनों में कुछ खास चीजों का परहेज किया जाता है ताकि मां दुर्गा नाराज न हों। ऐसे में जिस चीज का खास ध्यान रखा जाता है वह नॉनवेज है। नवरात्र में नॉनवेज खाने पर प्रतिबंध होता है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्र में मीट खाना पाप करना है। लेकिन एक ऐसा भी राज्य है जहां नवरात्रि के दौरान केवल नॉनवेज खाया जाता है। आइए जानते हैं कौन सा है ऐसा राज्य, आखिर क्यों नवरात्रि में मांस नहीं खा सकते?

क्यों खाया जाता है सात्विक भोजन

हिंदुओं में नवरात्रि के दिन 9 बेहद खास और पवित्र होते हैं। इस दौरान शुद्धता और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है। नवरात्र में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसे में मां दुर्गा वास के लिए खास नियमों का पालन करना होता है। इनमें से एक है नॉनवेज से परहेज। नवरात्र में केवल सात्विक भोजन खाया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन करने से व्यक्ति की इंद्रियां काबू में रहती हैं, जिससे वह ईश्वर से संपर्क साधने में कामयाब होता है। सात्विक भोजन का सेवन करने से पूजा-पाठ से उसका मन नहीं भटकता है।

क्यों नहीं खाना चाहिए नॉनवेज

ऐसे में नवरात्रि के दौरान संतुलित भोजन न किया जाए तो व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर काबू नहीं रख पाता। पूजन के दौरान कई तरह के अवरोध पैदा होने लगते हैं। आयुर्वेद और ज्योतिष के अनुसार तामसिक भोजन यानी नॉनवेज खाने से व्यक्ति के अंदर क्रोध, आलस्य, अहंकार और ललसा की भावना पैदा होती है। यही वजह है कि नवरात्रि के दौरान हिंदू धर्म में नॉनवेज खाना पाप होता है। इससे व्यक्ति का ध्यान आध्यात्म से भटक जाता है।

नवरात्रि में मांसाहार खाने का चलन

भारत में एक ऐसा राज्य है जहां नवरात्र में केवल तामसिक भोजन का ही सेवन किया जाता है, जहां पूजा में मवेशियों की बलि दी जाती है। बलि के बाद प्राप्त मांस को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। शारदीय नवरात्रि के समय बंगाल में मांसाहार खाने का चलन है। उनका मानना है कि शारदीय नवरात्रि की दुर्गा पूजा के दौरान देवी मां खुद अपने बच्चों के साथ उनके घर में रहने आती हैं, उनके घर पर ही उनके साथ समय गुजारती हैं। इस कारण ही बंगाली मां के लिए सभी तरह के नॉनवेज पकवान तैयार करते हैं, जो वे खुद भी खाते हैं।

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