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Chaiti Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ आज, घाट पर पहुंच रहे लोग

Chaiti Chhath Puja 2025: बिहार में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का आज संध्या अर्ध्य है। व्रती के साथ-साथ लोग घाट पर पहुंच रहे हैं।

Chaiti Chhath
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  • Last Updated: April 3, 2025 15:19:24 IST

Chaiti Chhath Puja 2025: बिहार में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का आज संध्या अर्ध्य है। व्रती के साथ-साथ लोग घाट पर पहुंच रहे हैं। चैती छठ नहाय-खाय के साथ 1 अप्रैल से शुरु हो था। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है। छठ व्रती श्रद्धा और उत्साह के साथ सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करते हैं।

Chaiti Chhath Puja 2025 Date

1 अप्रैल से चैती छठ महापर्व की शुरुआत हुई। 2 अप्रैल को खरना और आज 3 अप्रैल को डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। 4 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्ध्य देकर 4 दिन तक चलने वाले महापर्व का समापन हो जाएगा।

नहाय खाय क्या होता है?

इस दिन व्रती नदी या तालाब में जाकर स्नान करेंगी। फिर शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन ख़ास रूप से कद्दू की सब्जी, चने की दाल, चावल बनाया जाता है। इस भोजन का स्वाद ही अलग रहता है।

खरना क्या है?

इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। शाम में सूर्य देव की पूजा होती है। इसमें गुड़ से बनी खीर, रोटी और केले का प्रसाद चढ़ाया जाता है। खरना के प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है। खरना से ही 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

संध्या अर्ध्य

3 अप्रैल, गुरुवार को चैती छठ पूजा का तीसरा दिन है। इस दिन व्रती पहला अर्ध्य सूर्य को अर्पित करेंगी। शाम में किसी नदी या तालाब में सूर्य देव की पूजा करके फल- फूल और ठेकुआ जैसे प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

उगते सूर्य का अर्ध्य

4 अप्रैल, शुक्रवार को चैती छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन है। इस दिन सुबह-सुबह व्रती भगवान भास्कर को अर्ध्य देंगी। अर्ध्य देने के बाद छठ के प्रसाद को सबमें बांटा जाएगा। फिर व्रती अपना निर्जला उपवास तोड़ेंगी।

 

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