Painkiller Side Effects: सिर में तेज दर्द के कारण काम में ध्यान लगाना काफी मुश्किल हो जाता है, जिससे आपकी प्रोडक्टिविटी पर भी बुरा असर पड़ता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए लोग आम तौर पर पेन किलर खा लेते हैं जिससे हमें दर्द से राहत मिल जाती है। ये पेन किलर दवाइयां आसानी से मेडिकल स्टोर पर मिल जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लम्बे समय तक पेन किलर्स का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक साबित हो सकता है ? पेन किलर दवाइयों के कई साइड इफेक्ट होती है। जुलाई 2021 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादा पेन किलर लेने या लंबे समय तक उनका उपयोग करने से लीवर और किडनी खराब होने का खतरा बढ़ सकता है। इससे दिल की बिमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
पेन किलर, जिन्हें एनाल्जेसिक भी कहा जाता है, यह अलग-अलग तरीकों से दर्दसिगनल्स को ब्लॉक करके काम करते हैं।
पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन): दिमाग से पेन सिगनल्स भेजने वाले केमिकल्स को प्रभावित करता है और हमारे बॉडी टेम्परेचर को नियंत्रित करता है। यह सिरदर्द, बुखार या मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द के लिए के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
NSAIDs ((Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs) इबुप्रोफेन, एस्पिरिन, नेप्रोक्सन जैसी दवाइयां प्रोस्टाग्लैंडीन एंजाइम (COX-1 और COX-2) को ब्लॉक करते हैं। यही एंजाइम दर्द, सूजन और बुखार का कारण बनते हैं।
अगर आप लंबे समय तक ऑक्सीकॉन्टिन जैसी पेन किलर दवा लेते हैं, तो इसका असर हमारे शरीर पर नेचुरल तरीके से दर्द से राहत पाने की क्षमता को कम कर देती है या ख़त्म कर देती है। इन दवाओं का असर हमारे दिमाग पर ऐसे पड़ता है की दर्द से राहत पाने के लिए प्राकृतिक रूप से शरीर में केमिकल्स का बना कम हो जाता है। इससे आपको दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर्स पर निर्भर होना पड़ता है।
दर्द से राहत दिलाने वाली दवाएं किडनी को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दर्द निवारक दवाइयां किडनी में खून के प्रवाह को कम कर देती हैं, जिससे उनकी सामान्य कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है। इसके अलावा, वे किडनी के टिश्यू को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। किडनी ही इन दवाओं को छानकर शरीर से बाहर निकालती है और इस प्रक्रिया के दौरान भी, दवाइयां किडनी को प्रभावित कर सकती हैं। यही कारण है कि बहुत ज़्यादा पेन किलर्स दवाएं लेने से किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिकन नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, पेन किलर्स के ज्यादा इस्तेमाल से न केवल किडनी बल्कि पूरे शरीर में समस्याएँ हो सकती हैं। हर साल, क्रोनिक किडनी फेलियर के 3 से 5% नए मामले इन पेन किलर्स के ज्यादा इस्तेमाल के कारण होते हैं। अगर किसी को किडनी की बीमारी हो जाती है, तो इन दवाओं के लगातार इस्तेमाल से स्थिति और भी खराब हो सकती है।
पेन किलर्स का इस्तेमाल केवल जरूरी होने पर करें।
किडनी के कार्य को बेहतर बनाने के लिए हाइड्रेटेड रहें।
एंटीऑक्सिडेंट (फल, सब्जियां, साबुत अनाज) से भरपूर स्वस्थ आहार खाएं।
शराब और प्रोसेस्ड/जंक फूड से बचें।
बिना डॉक्टरी सलाह के पेन किलर्स को शराब या अन्य दवाओं के साथ न मिलाएं।
गर्म/ठंडी थेरेपी, योग या मालिश जैसी प्राकृतिक दर्द निवारक तरीके को आज़माएं।
डॉक्टर के मार्गदर्शन में हर्बल एंटी-इंफ्लेमेटरी (जैसे हल्दी या अदरक) पर विचार करें।
यदि आप अक्सर पेन किलर्स का उपयोग करते हैं तो नियमित रूप से लिवर और किडनी की जांच करवाएं।