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अक्सर सुहागरात पर ये पांच गलतियां कर बैठते हैं मर्द, जान लीजिए… वरना ऐसे बर्बाद हो सकती है शादी की पहली रात

शादी का दिन हर जोड़े के लिए खास होता है और सुहागरात उस खूबसूरत सफर की शुरुआत. यह रात न केवल प्यार और विश्वास का प्रतीक है बल्कि एक नए रिश्ते की नींव भी रखती है.

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  • Last Updated: April 13, 2025 23:02:12 IST

Wedding First Night: शादी का दिन हर जोड़े के लिए खास होता है और सुहागरात उस खूबसूरत सफर की शुरुआत. यह रात न केवल प्यार और विश्वास का प्रतीक है बल्कि एक नए रिश्ते की नींव भी रखती है. मगर कई बार पुरुष उत्साह, दबाव या गलत धारणाओं के चलते ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो सुहागरात को बर्बाद कर सकती हैं.

1. जल्दबाजी में खोया संयम

कई पुरुष खासकर जिनका पहले कोई रोमांटिक अनुभव नहीं रहा. सुहागरात पर अत्यधिक उतावले हो जाते हैं. यह जल्दबाजी न केवल माहौल को तनावपूर्ण बना सकती है. बल्कि रिश्ते की शुरुआत को भी प्रभावित कर सकती है. इस खास पल में शांत रहना जरूरी है. धीरे-धीरे एक-दूसरे को समझने और सहज होने का समय देना इस रात को और भी खूबसूरत बनाता है.

2. फिल्मी दुनिया की गलत उम्मीदें

सुहागरात को लेकर पुरुष अक्सर फिल्मों से प्रेरित होकर अवास्तविक अपेक्षाएं पाल लेते हैं. लेकिन फिल्मों की चमक-दमक और वास्तविक जीवन में बहुत अंतर है. सुहागरात को परफेक्ट बनाने की कोशिश में पुरुष कई बार हकीकत से दूर चले जाते हैं. ऐसा मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं. इसलिए इस रात को अपनी और अपने साथी की भावनाओं के हिसाब से जीना चाहिए न कि किसी स्क्रिप्ट के अनुसार.

3. अनावश्यक दबाव का बोझ

सुहागरात की प्लानिंग में पुरुष कई बार इतना दबाव ले लेते हैं कि यह उनकी खुशी पर भारी पड़ जाता है. परफॉर्मेंस की चिंता या सब कुछ सही करने की चाहत तनाव का कारण बन सकती है. इस रात को सहज और स्वाभाविक रखें. ज्यादा सोचने के बजाय अपने साथी के साथ समय बिताने और भावनात्मक जुड़ाव पर ध्यान दें.

4. शादी की कमियों का गुस्सा

शादी के आयोजन में कुछ न कुछ कमी रह जाना स्वाभाविक है. चाहे मेहमानों की शिकायत हो या इंतजामों में गड़बड़ इनका गुस्सा अपनी जीवनसाथी पर निकालना सबसे बड़ी भूल है. सुहागरात पर पुरुषों को इन बातों को नजरअंदाज कर अपने रिश्ते की शुरुआत सकारात्मक तरीके से करनी चाहिए. यह नई जिंदगी की नींव है जिसे प्यार और समझ से मजबूत करना जरूरी है.

5. एक-दूसरे को समझने की कमी

सुहागरात सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का भी समय है. कई पुरुष अपने साथी की भावनाओं और सहजता को समझने में चूक जाते हैं. इस रात को सिर्फ अपनी इच्छाओं तक सीमित न रखें बल्कि अपने पार्टनर की भावनाओं का भी सम्मान करें. बातचीत और विश्वास इस रात को और भी खास बना सकते हैं.

सुहागरात नई जिंदगी की शुरुआत है और इसे खूबसूरत बनाने की जिम्मेदारी दोनों की है. पुरुषों को चाहिए कि वे संयम, समझदारी और प्यार के साथ इस रात को यादगार बनाएं. जल्दबाजी और गुस्से से बचें ताकि यह पल आपके रिश्ते को और मजबूत करे.

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