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इजाज़त किस बात की?’ सुप्रीम कोर्ट की फटकार, निशिकांत दुबे पर अवमानना केस दर्ज करने का आदेश!

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर एक बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर संसद के कानून बनाने की शक्ति को कमजोर करने और अपनी संवैधानिक सीमा से बाहर जाने का आरोप लगाया।

Nishikant Dubey
inkhbar News
  • Last Updated: April 21, 2025 14:36:39 IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को लेकर विवादित टिप्पणी करने के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी विवादों में घिर गए हैं। जहां विपक्षी दलों ने उनके बयान की तीखी आलोचना की है, वहीं सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की गई है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को इस मामले में स्पष्ट कहा कि याचिका दायर करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा

जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह सीधे तौर पर याचिका दाखिल कर सकते हैं और इसके लिए कोर्ट की इजाजत जरूरी नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील ने इस संबंध में एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि वह अदालत की अनुमति लेकर याचिका दायर करना चाहते हैं। इस पर जस्टिस गवई ने स्पष्ट रूप से कहा, “आप दायर कीजिए, इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

निशिकांत दुबे के तीखे सवाल

पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है, तो फिर संसद और विधानसभाओं की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती। इसके साथ ही उन्होंने सीजेआई खन्ना को देश में ‘सिविल वॉर’ जैसे हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बीजेपी ने इस बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह दुबे की निजी राय है।

डैमेज कंट्रोल’ बताया

इस बीच, कांग्रेस ने बीजेपी की प्रतिक्रिया को ‘डैमेज कंट्रोल’ बताया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंची है और ऐसे सांसदों को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अटॉर्नी जनरल इस मामले में बिना देरी के आपराधिक अवमानना की अनुमति देंगे।यह मामला अब राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टिकोण से अहम बनता जा रहा है।

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