Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • रातोंरात बर्बाद हुआ PAK! जानिए कैसे सिंधु जल समझौता रद्द होते ही बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान

रातोंरात बर्बाद हुआ PAK! जानिए कैसे सिंधु जल समझौता रद्द होते ही बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान

Indus Waters Treaty: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए सिंधु जल संधि रद्द कर दिया है। पाकिस्तान की 90 फीसदी खेती सिंधु जल पर निर्भर है। आइये जानते हैं सिंधु जल समझौता क्या है?

Indus Waters Treaty
inkhbar News
  • Last Updated: April 24, 2025 09:13:16 IST

Indus Waters Treaty: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए सिंधु जल संधि रद्द कर दिया है। पाकिस्तान की 90 फीसदी खेती सिंधु जल पर निर्भर है। पीने का पानी हो या फिर बिजली उत्पादन, इन सभी का एक बड़ा हिस्सा इसी पानी पर निर्भर करता है। दोनों देशों के बीच में 3 जंग हुए लेकिन भारत ने तब भी सिंधु जल समझौता बरक़रार रखा था। आइये जानते हैं सिंधु जल समझौता क्या है? इसका पाकिस्तान पर क्या असर होगा?

क्या है सिंधु जल समझौता

सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए पाकिस्तान गए थे। इस समझौते के तहत छह प्रमुख नदियों—ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के जल बंटवारे के नियम तय किए गए थे। भारत को पूर्वी नदियों- ब्यास, रावी, सतलुज के जल का पूर्ण उपयोग करने का अधिकार मिला। वहीं पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों- सिंधु, चिनाब, झेलम के जल का पूरा उपयोग करने की अनुमति दी गई।

Indus Waters Treaty

80 फीसदी पानी इस्तेमाल करता है पाकिस्तान

इस संधि के तहत भारत ने शांति के बदले में 80 फीसदी पानी पाकिस्तान को देने का निर्णय लिया था। सिंधु नदी प्रणाली के 6 नदियों में करीब 16. 8 करोड़ एकड़ फीट पानी है। इसमें पूर्वी नदियों में 20 फीसदी जबकि पश्चिमी नदियों में 80 फीसदी पानी है। पाकिस्तान 13.5 फीसदी करोड़ एकड़ फ़ीट पानी का इस्तेमाल करता हुआ आया है।

भूखे मरेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान अपनी जमीन यानी 4.7 करोड़ एरिया में सिंधु नदी के जल का इस्तेमाल करके सिंचाई करता है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान 23% है। कृषि से पाकिस्तान के गाँवों में रहने वाले 68% लोगों की आजीविका चलती है। अब जब पाकिस्तान को पानी नहीं मिलेगा तो फिर अर्थव्यवस्था पहले से बदतर हो सकती है। मंगल और तारबेला हाइड्रोपावर डैम को पानी न मिलने से बिजली उत्पादन में 30 से 50 फीसदी तक की कमी आ सकती है। यानी कि मोदी ने अपने एक फैसले से आधे पाकिस्तान को अंधेरे में डाल दिया है, साथ ही भूखे मरने के मुहाने पर खड़ा कर दिया है।

 

दो टके के आतंकियों ने भारत को दी है चुनौती…पहलगाम में मरने वालों के परिजन बोले सबका सिर काटकर लाओ मोदी