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पहलगाम आतंकी हमले के बाद महंगा हुआ केसर, 5 लाख रुपये किलो तक पहुंचा भाव!

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में केसर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. केसर का भाव 5 लाख रुपये प्रति किलो से ज्यादा पहुंच गया है. दाम बढ़ने से केसर की खेती करने वाले किसानों की बांछें खिल गई है.

Saffron prices on historic high
inkhbar News
  • Last Updated: May 1, 2025 21:06:15 IST

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में केसर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. केसर का भाव 5 लाख रुपये प्रति किलो से ज्यादा हो गया है. इसे यूं भी समझ सकते हैं कि एक किलो केसर की कीमत आज 10 ग्राम सोने के मुकाबले लगभग पांच गुना ज्यादा हो गई है. परिस्थितियां जल्द नहीं सुधरी तो यह और भी महंगा हो सकता है.

कश्मीरी केसर हुआ महंगा

सबसे अच्छी क्वालिटी वाले कश्मीरी केसर की कीमत 5 लाख रुपये प्रति किलो को पार कर गई है. मात्र 10 दिनों में केसर की कीमत में 50,000-75,000 रुपये का इजाफा हुआ है. बाजार डिमांड और सप्लाई से चलता है. आतंकी हमले के बाद केसर की उलब्धता कम हो गई है. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को व्यापार के लिए बंद कर दिया है लिहाजा अफगानिस्तान से केसर का आयात रुक गया है. भारत में केसर की घरेलू मांग कश्मीरी केसर और अफगानिस्तान से आयात से पूरा होता है.

कश्मीरी केसर की डिमांड ज्यादा

अपने देश में हर साल लगभग 55 टन केसर की खपत होती है. देश में उत्पादन की बात करें तो यह कश्मीर में पैदा होता है, खासतौर से पुलवामा, पंपोर, बडगाम, श्रीनगर और जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ में. यहां पर 6 से 7 टन केसर पैदा होता है. शेष लगभग 48 टन केसर अफगानिस्तान और ईरान से आयात होता है. अफगानी केसर अपने रंग और खुशबू के लिए मशहूर है जबकि ईरानी केसर सस्ता होता है इसीलिए वह ज्यादा इस्तेमाल होता है.

कश्मीरी केसर को GI टैग

केसर दुनिया के सबसे महंगे कृषि उत्पादों में से एक है. कश्मीरी केसर अपने गहरे लाल रंग, तेज खुशबू और क्रोसिन की उच्च मात्रा के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. क्रोसिन की वजह से केसर का रंग गहरा होता है. यह दुनिया का एकमात्र केसर है, जो समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है. 2020 में कश्मीरी केसर को GI टैग मिला. इसका मकसद इसकी पहचान को बचाना है.

केसर की खेती करने वाले किसान खुश

राष्ट्रीय केसर मिशन और सरकार की कोशिशों के चलते केसर के कारोबार को दुनिया भर में बढ़ावा मिला है. इससे पहले कई वर्षों से लगातार केसर के दाम गिर रहे थे, बिचौलिये फायदा उठा रहे थे. ईरानी केसर अलग टक्कर दे रहा था. इस वजह से कई किसान दूसरी फसलें उगाने लगे थे लेकिन अब केसर की कीमतें बढ़ने से किसानों को राहत मिली है. केसर की कीमतें बढ़ने से कश्मीर के केसर किसान खुश हैं. हालांकि ये सवाल अपनी जगह कायम है केसर का ये भाव कब तक रहेगा?

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