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जापान को पछाड़ दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत, 2028 में हासिल कर लेगा ये बड़ा मुकाम

भारत ने 2025 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी 4,187.017 अरब डॉलर तक पहुंच गई है जो जापान की जीडीपी 4,186.431 अरब डॉलर से थोड़ी अधिक है.

India to become 4th largest economy in 2025
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  • Last Updated: May 6, 2025 18:23:12 IST

India to become 4th largest economy in 2025: भारत ने 2025 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी 4,187.017 अरब डॉलर तक पहुंच गई है जो जापान की जीडीपी 4,186.431 अरब डॉलर से थोड़ी अधिक है. यह उपलब्धि भारत की आर्थिक शक्ति और वैश्विक मंच पर बढ़ते कद को रेखांकित करती है. अब भारत के आगे केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हैं. भारत का यह कदम वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू करता है. आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है.

तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

2024 तक पांचवें स्थान पर काबिज भारत ने 2025 में जापान को पीछे छोड़कर एक पायदान की छलांग लगाई है. लेकिन भारत की महत्वाकांक्षा यहीं नहीं रुकती. आईएमएफ का अनुमान है कि 2028 तक भारत जर्मनी को भी पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उस समय भारत की जीडीपी 5,584.476 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है जबकि जर्मनी की जीडीपी 5,251.928 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. यह भारत की दीर्घकालिक नीतियों, तकनीकी नवाचारों और मजबूत घरेलू मांग का परिणाम होगा.

पांच ट्रिलियन डॉलर का सपना 2027 में होगा साकार

आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2027 में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर पहुंच जाएगा. उस वर्ष भारत की जीडीपी 5,069.47 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. यह उपलब्धि भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में और सुदृढ़ करेगी. भारत की आर्थिक वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती खपत और बुनियादी ढांचे में निवेश से प्रेरित है. आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया.

वैश्विक आर्थिक बदलाव और भारत की भूमिका

आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि पिछले 80 वर्षों की वैश्विक आर्थिक व्यवस्था अब बदल रही है. व्यापार, निवेश और आपूर्ति श्रृंखलाओं में नए नियम उभर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण भारत की 2025 की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% से घटाकर 6.2% कर दिया गया है. फिर भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है जो ग्रामीण खपत, डिजिटल अर्थव्यवस्था और सरकारी सुधारों से समर्थित है.

भारत की यह प्रगति केवल जीडीपी आंकड़ों तक सीमित नहीं है. देश की प्रति व्यक्ति आय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और व्यापार नीतियों में सुधार ने इसे वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनाया है. डेलॉयट की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी वृद्धि 2025-26 में 6.3-6.5% रहने की उम्मीद है जो कर राहत, नियंत्रित मुद्रास्फीति और डिजिटल नवाचारों से प्रेरित होगी. भारत का युवा कार्यबल, स्टार्टअप इकोसिस्टम और तकनीकी क्षेत्र जैसे फिनटेक और एग्रीटेक इस विकास को और गति दे रहे हैं.

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