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आदिल हुसैन के पिता बोले- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने लिया बेटे की हत्या का बदला, PM मोदी के लिए कही ये बात

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. जिनमें स्थानीय खच्चर चालक और टूर गाइड सैयद आदिल हुसैन शाह भी शामिल थे. आदिल ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में आतंकियों से भिड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी. 7 मई 2025 को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए. जिसको आदिल के पिता सैयद हैदर शाह ने अपने बेटे और अन्य पीड़ितों की हत्या का बदला बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना की सराहना की.

Operation Sindoor News
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  • Last Updated: May 7, 2025 20:54:05 IST

Operation Sindoor: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. जिनमें स्थानीय खच्चर चालक और टूर गाइड सैयद आदिल हुसैन शाह भी शामिल थे. आदिल ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में आतंकियों से भिड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी. 7 मई 2025 को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए. जिसको आदिल के पिता सैयद हैदर शाह ने अपने बेटे और अन्य पीड़ितों की हत्या का बदला बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना की सराहना की.

सैयद हैदर शाह का बयान

एएनआई से बात करते हुए सैयद हैदर शाह ने कहा आज जो 26 मारे गए लोगों का बदला लिया गया. उससे हम खुश हैं. हम सरकार का धन्यवाद करते हैं फौज और सरकार ने बदला लिया. मैं आज बहुत खुश हूं कि सेना और पीएम मोदी ने 26 लोगों की हत्या का बदला लिया है. मुझे खुशी है कि हमले में मारे गए लोगों की आत्मा को आज शांति मिलेगी. भविष्य में किसी को भी इस तरह अपनी जान नहीं गंवानी चाहिए. हमें पीएम मोदी पर भरोसा था हमें आज न्याय मिला.

हैदर शाह ने यह भी कहा कि आदिल उनकी कश्मीरी पहचान का प्रतीक था. जिसने मेहमान पर्यटकों की रक्षा के लिए अपनी जान दी. उन्होंने सरकार से अपने परिवार के लिए सहायता और सुरक्षा की मांग दोहराई क्योंकि आदिल उनके परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था.

आदिल हुसैन शाह की बहादुरी

सैयद आदिल हुसैन शाह (30 वर्ष) अनंतनाग जिले के हापतनार गांव के निवासी पहलगाम में पर्यटकों को खच्चर और घोड़े की सवारी करवाते थे. 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया. आदिल ने एक आतंकी से राइफल छीनने की कोशिश की और पर्यटकों को बचाने का प्रयास किया लेकिन आतंकियों ने उन्हें तीन गोलियां मार दीं. उनकी बहादुरी की कहानी ने पूरे देश में कश्मीरियत और मानवता की मिसाल कायम की. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उनके जनाजे में शिरकत की और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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