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‘नारद मुनि की तरह सियासत’ कर रही सरकार, पीएम मोदी ने शशि थरूर को दी बड़ी जिम्मेदारी, अब भड़की कांग्रेस बोली…

Shashi Tharoor: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया. यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी. जिसमें 26 लोग मारे गए थे. अब भारत वैश्विक मंच पर […]

Shashi Tharoor News
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  • Last Updated: May 17, 2025 22:54:30 IST

Shashi Tharoor: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया. यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी. जिसमें 26 लोग मारे गए थे. अब भारत वैश्विक मंच पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने की रणनीति पर काम कर रहा है. इसके लिए मोदी सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं. जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित प्रमुख देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेंगे. लेकिन इस प्रक्रिया में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को दी गई जिम्मेदारी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है.

शशि थरूर को जिम्मेदारी लेकिन कांग्रेस में खलबली

मोदी सरकार ने शशि थरूर को एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपकर उन्हें वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष रखने की अहम जिम्मेदारी दी. थरूर ने इसे सम्मानजनक बताते हुए कहा जब देश को मेरी जरूरत होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा. जय हिंद! हालांकि कांग्रेस ने इस चयन पर कड़ा ऐतराज जताया क्योंकि पार्टी ने सरकार को सौंपी अपनी चार नेताओं की सूची आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग में थरूर का नाम शामिल नहीं किया था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे सरकार की ‘नारद मुनि की तरह सियासत’ करार दिया. जिसमें पार्टी से नाम मांगने के बावजूद पहले से ही थरूर का चयन कर लिया गया.

कांग्रेस का आरोप- ध्यान भटकाने की साजिश

जयराम रमेश ने सरकार पर लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा पार्टी की सहमति के बिना सांसदों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करना गलत है. यह पूरी कवायद ध्यान भटकाने और दिखावे की है. रमेश ने यह भी दावा किया कि सरकार ने नाम मांगना केवल औपचारिकता थी क्योंकि चयन पहले ही तय था. उन्होंने सलमान खुर्शीद से संपर्क की बात का जिक्र करते हुए कहा कि खुर्शीद ने पार्टी के फैसले को प्राथमिकता दी. कांग्रेस ने साफ किया कि वह अपनी सूची में बदलाव नहीं करेगी.

थरूर पर क्यों भड़की कांग्रेस?

शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर की खुलकर तारीफ की थी. जो कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से अलग थी. उन्होंने 9 मई को अल अरबिया को दिए साक्षात्कार में कहा भारत ने आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया. पाकिस्तान 30 साल से आतंकवाद को पनाह दे रहा है. उनकी यह सक्रियता और सरकार की तारीफ ने पार्टी के कुछ नेताओं को असहज कर दिया. जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, जमीन-आसमान का अंतर है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने थरूर पर ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने का आरोप लगाया. जिसका जवाब देते हुए थरूर ने कहा मैंने एक भारतीय के नाते अपनी बात रखी. मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं.

सियासी नारद मुनि का खेल?

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस प्रतिनिधिमंडल के जरिए सियासी लाभ लेने की कोशिश कर रही है. रमेश ने ऑपरेशन सिंदूर के ‘राजनीतिकरण’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सेना की बहादुरी का परिणाम है न कि किसी दल की रणनीति. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि थरूर जैसे नेता राष्ट्रीय हित में खड़े हैं. जबकि कांग्रेस उन्हें नजरअंदाज कर रही है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने X पर लिखा थरूर शायद एकमात्र कांग्रेसी हैं जिन्होंने समझदारी दिखाई. इस बीच थरूर ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय हित में हमेशा उपलब्ध रहेंगे.

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