Inkhabar
  • होम
  • बिहार
  • बिहार: रील नहीं, पढ़ाई करना चाहती है ये बहू, सास ने थामा हाथ और पहुंचा दिया स्कूल

बिहार: रील नहीं, पढ़ाई करना चाहती है ये बहू, सास ने थामा हाथ और पहुंचा दिया स्कूल

बिहार के सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड का एक मामला सामने है जहाँ 14 मई 2025 को शादी के बाद बहू अपने ससुराल आयी थी . इसके बाद से उसने पढ़ने की इच्छा जताई तो बीते सोमवार स्कूल में उसका दाखिला करवाया गया था.

sauphal image
inkhbar News
  • Last Updated: May 20, 2025 10:06:02 IST

Supaul News: इंटरनेट और स्मार्टफोन के इस जमाने में आजकल हर कोई वीडियो और रील बना रहा है और बनना चाहता हैं, बहू-बेटियां भी इसमें शामिल हैं इन सबके बीच बिहार के सुपौल से एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हो जायेंगे हैरान . इस इंटरनेट की ‘मायावी’ दुनिया से कई दूर जहाँ एक नई नवेली बहू ने अपने पढ़ने की इच्छा सामने रखकर अपनी सास को ही चौंका डाला हैं. शादी के बाद जब बहू ससुराल पहुंची और सास को पता चला कि उसे पढ़ने का शौक है तो उसका हाथ पकड़कर स्कूल ले गई और दाखिला कराया.

यह पूरा मामला सुपौल के छातापुर प्रखंड का बतया जा रहा हैं

यह पूरा मामला सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड का है जिसमे उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय कटहरा खतबे टोला में सोमवार को एक सास ने अपनी नई नवेली बहू का 9वीं कक्षा में दाखिला करवाया हैं . यह दृश्य समाज में शिक्षा को लेकर बढ़ती जागरूकता और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन गया.

14 मई को हुई थी शादी

बताया जाता है कि कटहरा वार्ड नं-13 निवासी कविता देवी के बेटे की शादी 14 मई 2025 को सोहटा गांव निवासी अरविंद सरदार की पुत्री नीतू कुमारी से हुई थी. शादी के बाद नीतू ने अपनी सास से बात करके अपनी पढाई की इच्छा जताई थी. बहू की यह इच्छा सुनते ही कविता देवी ने उसे पढ़ाने का संकल्प लिया. फिर उसे लेकर गांव के स्कूल पहुंच गईं.

क्लास में जब सास बहु को लेकर पहुंची तो शिक्षिका ने पूछा कि आप इन्हे लेकर आई हैं तो आसपास के घरो के लोगो ने काफी सवाल उठाये और कहा कबतक पढ़ाएंगे ? कब तक पढ़ाइएगा इसको? इस पर सास ने कहा कि जब तक पढ़ेगी तब तक पढ़ाएंगे.

इस प्रेरणादायक घटना पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश कुमार ने कहा, “जब महिलाएं खुद शिक्षा की ओर पहल कर रही हैं तो यह सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है.” उन्होंने सास की इस पहल की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रति बदलती सोच का संकेत बताया.

विद्यालय के शिक्षक और छात्र भी इस दृश्य से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके. सभी ने माना कि यह पहल न केवल एक परिवार में बदलाव की शुरुआत है, बल्कि पूरे समाज को नई दिशा देने वाली है.

Also Read: एस जयशंकर पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल, विदेश मंत्री विक्रम मिसरी ने दिया जवाब!

Tags

bihar news