नई दिल्ली। इजरायल ने रविवार देर रात गाज़ा के कई इलाकों पर बमबारी की। इन हमलों में एक स्कूल को भी निशाना बनाया गया, जहां 25 लोगों की मौत हो गई। स्कूल में आग लगने के कारण कुछ लोग जिंदा जल गए। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक किंडरगार्टन स्कूल था, जिसे शरणार्थियों के लिए कैंप के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।
मृतकों में रेड क्रॉस के दो कर्मचारी, एक पत्रकार और कई बच्चे शामिल हैं। इनमें गाज़ा का सबसे कम उम्र का इन्फ्लुएंसर यकीन हम्माद (11 साल) भी मारा गया है। उधर, स्पेन ने वैश्विक समुदाय से इज़राइल पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है।
23 मई को गाज़ा पर हुए इज़राइली हमले में खान यूनिस की रहने वाली महिला डॉक्टर अल-नज्जार के 9 बच्चों की जान चली गई, जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मारे गए बच्चों की उम्र 7 महीने से लेकर 12 साल तक थी। इस हमले में डॉक्टर के पति को भी गंभीर चोटें आई हैं।
इज़राइली सेना का कहना है कि गाज़ा में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया गया, जिसके तहत 14 से 20 मई के बीच 670 से अधिक हमास ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में लगभग 512 लोगों की जान गई।
इज़राइल ने गाज़ा पट्टी के लगभग 77% हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, यह जानकारी गाज़ा के सरकारी मीडिया कार्यालय द्वारा रविवार को दी गई। उन्होंने इज़राइल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।
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