नई दिल्ली। आज विनायक चतुर्थी है। विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। आज के दिन गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। आज के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से सारे दुख दूर होते हैं। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना करने से इच्छित फलों की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी पर इस बार कुछ संयोग बन रहे हैं। इस शुभ घड़ी में गणपति की पूजा करने का फल 4 गुना ज्यादा फलदायी होता है।
ज्योतिष के मुताबिक इस बार विनायक चतुर्थी कुछ संयोगों के साथ आई है। इसकी वजह से विनायक चतुर्थी का महत्व और बढ़ गया है। हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 29 मई को रात 11 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो चुकी है, जिसकी समाप्ति 30 मई यानी आज रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगी। विनायक चतुर्थी पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। विनायक चतुर्थी कई मायनों में खास मानी जा रही है। आज रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज सुबह 5 बजकर 24 मिनट से शुरू हो चुका है, जो रात 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी पर बन रहे ये चार विशिष्ट योग अपने साथ सुख-समृद्धि लेकर आते हैं। इन योगों के बीच भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा करना काफी फलदायी रहने वाला है। इस दौरान गणपति के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। साथ ही उन्हें सिद्धि, बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलेगा। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े धारण करना चाहिए। इसके बाद सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से जल देना चाहिए। विनायक चतुर्थी के दिन मंदिर जाकर गणपति बप्पा के दर्शन करने चाहिए।
भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल चढ़ाना चाहिए। भगवान विनायक को गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पित करना चाहिए। साथ ही ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करना चाहिए। आखिर में भगवान विनायक को मोदक का भोग लगाएं और उनका आशीर्वाद लें।
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