नई दिल्ली। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का बहुत महत्व होता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि साल की सभी एकादशी के बराबर फल निर्जला एकादशी को मिलता है। ऐसे में इस दिन व्रत करना लाभकारी होता है। ऐसे में आज के दिन कुछ उपायों को अपनाने से फायदा होगा। आइए जानते हैं किन उपायों को अपनाना होगा फलदायी।
निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखने के साथ पशु-पक्षियों को पानी पिलाना शुभ होता है। ऐसे में आप अपने घर की छत या किसी पेड़ के नीचे जल से भरा कोई बर्तन रख सकते हैं। साथ ही, पक्षियों के खाने के लिए दाना भी डाल सकते हैं। निर्जला एकादशी के दिन पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करना खास तौर पर अच्छा होता है। इससे जीवन में खुशहाली का आगमन होता है।
अगर आप निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं, तो इस दिन दोपहर में कभी भूलकर भी नहीं सोना चाहिए। साथ ही सुबह देर तक सोने की गलती भी न करें। शास्त्रों में किसी भी व्रत दोपहर में सोना वर्जित माना गया है। ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। एकादशी के साथ ही दोपहर के समय सोने से घर समृद्धि नहीं आती।
निर्जला एकादशी के दिन लहसुन, प्याज जैसे तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपके परिवार में किसी ने निर्जला एकादशी का व्रत रखा हो, तो उस दिन घर में भी तामसिक भोजन नहीं बनना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु आपसे नाराज हो सकते हैं। साथ ही व्रत रखने के बावजूद भी उसके फल की प्राप्ति नहीं होगी। ऐसे में इस दिन घर पर सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए।
निर्जला एकादशी के दिन सुबह स्नान कर लेना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद सूर्यदेव को एक लोटा जल चढ़ाना चाहिए और व्रत का संकल्प लें। निर्जला एकादशी के दिन सुबह और शाम के समय पूजा करने के साथ व्रत कथा का पाठ करना भी जरूरी होता है। इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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