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अमेरिका या इजरायल नहीं, अतीफा साहलेह की वजह से दहल रहा ईरान…16 साल की बच्ची का आखिर क्या है इस जंग से कनेक्शन?

Who Is Atifa Sahleh : ईरान पर इस वक्त इजरायली बम मौत बनकर बरस रहे हैं। इन हमलों में कई परमाणु वैज्ञानिक और महत्वपूर्ण सैन्य अधिकारी मारे जा चुके हैं। ईरान की तरफ से भी जवाब दिया जा रहा है लेकिन अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान उसी को हुआ है। इन हमलों की वजह से […]

Who Is Atifa Sahleh
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  • Last Updated: June 18, 2025 20:47:05 IST

Who Is Atifa Sahleh : ईरान पर इस वक्त इजरायली बम मौत बनकर बरस रहे हैं। इन हमलों में कई परमाणु वैज्ञानिक और महत्वपूर्ण सैन्य अधिकारी मारे जा चुके हैं। ईरान की तरफ से भी जवाब दिया जा रहा है लेकिन अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान उसी को हुआ है।

इन हमलों की वजह से तेहरान समेत कई शहरों में अफरातफरी का माहौल है। वहीं हालात को देखते हुए इस जंग में अमेरिका के आने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में युद्ध विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह युद्ध ईरान में सत्ता परिवर्तन के साथ खत्म हो सकता है।

ईरान-इजराइल युद्ध के बीच एक पुरानी कहानी फिर से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। 16 साल की अतीफा साहलेह की कहानी, जिसने सालों पहले पूरी दुनिया को चौंका दिया था। कई पोस्ट में कहा जा रहा है कि ईरान को एक मासूम लड़की का श्राप लगा है। इस दावे के पीछे की आखिर सच्चाई क्या है –

आतेफा साहलेह के साथ हुआ क्या था?

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक 15 अगस्त 2004 को ईरान के नेका शहर में सुबह-सुबह एक लड़की को भीड़ के सामने सरेआम घसीटा गया। एक मोबाइल क्रेन को अस्थायी फांसी के फंदे में बदल दिया गया। वहीं 16 साल की अतीफा साहलेह को ‘अनैतिकता’ के आरोप में फांसी पर लटका दिया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की नैतिक पुलिस ने कहा कि अतेफा के एक आदमी के साथ यौन संबंध थे। इस आरोप में उसे मौत की सजा सुनाई गई, जिसे तेहरान अपील कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी।

सजा देने में दिखाई गई निजी रंजिश

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘Execution of a Teenage Girl’ के अनुसार, इस मामले में जज ने अतेफ़ा के प्रति व्यक्तिगत नाराज़गी दिखाई। न्यायिक दस्तावेज़ों में हेराफेरी करके उसकी उम्र 22 साल दिखाई गई ताकि उसे फाँसी दी जा सके, क्योंकि ईरानी कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को फाँसी नहीं दी जा सकती।

रिपोर्ट के अनुसार, अतीफ़ा की माँ की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद, उसके पिता नशे के आदी हो गए। वह अपने दादा-दादी के साथ रहती थी – वह सब कुछ करती थी – खाना बनाना, घर संभालना, लेकिन भावनात्मक रूप से वह पूरी तरह से अकेली थी। एक मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वह स्नेह और अपनेपन की तलाश में थी।

ईरान में फांसी दिए जाने को लेकर नियम

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान दुनिया में चीन के बाद दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज़्यादा फांसी की सज़ा दी जाती है। यहां हत्या और आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों के साथ-साथ ‘चरित्रहीनता’ जैसे नैतिक अपराधों के लिए भी मौत की सज़ा दी जाती है।

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