Donald Trump Asim Munir Meeting: गुरुवार को चीनी रक्षा कंपनी AVIC चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयरों में 5% की गिरावट आई। यह वही कंपनी है जो पाकिस्तान के लिए J-10 फाइटर जेट बनाती है, जिसका इस्तेमाल भारत के साथ हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष में किया गया था। बुधवार को कंपनी के शेयरों में अचानक 10 प्रतिशत की तेजी आई क्योंकि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में मुलाकात होनी थी। लेकिन गुरुवार को जब इस मुलाकात के बाद कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई तो बाजार का उत्साह ठंडा पड़ गया और शेयरों में गिरावट आ गई।
गुरुवार को AVIC चेंगदू एयरक्राफ्ट का शेयर 86.59 युआन पर खुला, जो पिछले दिन के बंद भाव 88.93 युआन से कम था। लेकिन फिर घटकर 84.26 युआन पर आ धमका, यह करीबन 5.25 फीसदी की गिरावट थी। बता दें कि पिछले पांच कारोबारी सत्रों में से तीन इस शेयर के लिए घाटा लेकर आए और तीनों गिरावट देखने को मिली, इके बावजूद इसने इस अवधि में करीब 9 प्रतिशत का लाभ दिया है। मई में शेयर में 31 प्रतिशत और जून में अब तक 11 प्रतिशत की तेजी आई है, जो दर्शाता है कि दीर्घावधि रुझान अभी भी सकारात्मक है।
चीन का J-10 लड़ाकू विमान हल्का, बहुउद्देशीय और एकल इंजन वाला विमान है। इसे खास तौर पर घरेलू तकनीक पर डिजाइन किया गया है। इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार और फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम के साथ साथ हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता है। 2,000 किमी/घंटा की गति से चलने वाला यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। J-10 राफेल से सस्ता है, इसलिए चीन इसे बड़ी संख्या में तैनात करता है।
गौरतलब है कि भारत का राफेल लड़ाकू विमान एक हाई-एंड ट्विन-इंजन लड़ाकू विमान है जो फ्रांस में बना है। इसमें AESA रडार के साथ-साथ मेटियोर मिसाइल जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें हैं। यह सभी मौसम में संचालन करने में सक्षम है और इसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, स्कैल्प मिसाइल और रात के संचालन की विशेष क्षमताएं हैं।
तुलनात्मक रूप से, राफेल अधिक उन्नत है, इसकी रेंज अधिक है और यह जटिल मिशनों के लिए बेहतर है, जबकि जे-10 संख्या और सस्ते संचालन के लिए बनाया गया है। राफेल की क्षमताएं जे-10 से बेहतर हैं, लेकिन चीन की रणनीति में जे-10 की संख्या महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष और ईरान-इजराइल युद्ध के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और डोनाल्ड ट्रंप के बीच यह पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ट्रंप मध्य पूर्व में अमेरिका की भूमिका तय करने की कोशिश कर रहे हैं और पाकिस्तान ने ईरान का खुलकर समर्थन किया है। इस मुलाकात में ट्रंप ने असीम मुनीर की तारीफ की और कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ने से रोका। ट्रंप ने कहा, “मैंने उन्हें फोन किया क्योंकि मैं युद्ध को रोकने और इसे खत्म करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता था…”
हालांकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि युद्ध विराम भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बातचीत के कारण संभव हुआ है, न कि अमेरिकी मध्यस्थता के जरिए। यह जानकारी बुधवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी। संघर्ष की शुरुआत 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले से हुई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद चार दिनों तक ड्रोन, फाइटर जेट और मिसाइल हमलों के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों में सबसे भीषण सैन्य टकराव देखने को मिला।