Amit Shah: गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय भाषाओं की तारीफ करते हुए कहा कि ‘देश में ऐसा समाज बनेगा, जहां अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी। गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति का गहना हैं। एक दिन हम अपनी भाषा में ही देश चलाएंगे, अपनी भाषा में ही सोचेंगे, शोध करेंगे और फैसले लेंगे। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।’
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘मेरी बात ध्यान से सुनिए। देश में ऐसा समाज बनेगा, जहां अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी। हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति का गहना हैं। अपनी भाषा के बिना हम भारतीय नहीं कहलाएंगे। आप अपने देश के इतिहास, संस्कृति और धर्म को विदेशी भाषा में नहीं समझ सकते। अधूरी विदेशी भाषाओं के माध्यम से पूरे भारत को देखा और समझा नहीं जा सकता। मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि यह लड़ाई कितनी बड़ी है।
#WATCH | Delhi | "… When our country was consumed in an era of pitch black darkness, even then literature kept the lamps of our religion, freedom, and culture lit. When the government changed, no one opposed it. But whenever someone tried to touch our religion, culture and… https://t.co/pJssfE5YdQ pic.twitter.com/vb6qCp5L56
— ANI (@ANI) June 19, 2025
शाह ने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि भारतीय समाज इस लड़ाई को जीतेगा और अपनी भाषाओं पर गर्व महसूस करेगा। हम अपना देश अपनी भाषा में चलाएंगे। विचार, शोध और फैसले हमारी अपनी भाषा में होंगे। इस पर किसी को संदेह करने की जरूरत नहीं है। हमारी भाषाएं हमें 20247 में दुनिया के शीर्ष पर पहुंचा देंगी।’
दिल्ली में आईएएस आशुतोष अग्निहोत्री की पुस्तक ‘मैं बूंद स्वयं, खुद सागर हूं’ के विमोचन के अवसर पर शाह ने कहा कि जब परिवर्तन एक बड़ा आंदोलन बन जाता है, तो क्रांति होती है। हम अपने देश में यह बदलाव देख सकते हैं। वर्ष 1975 में अटल बिहारी वाजपेयी ने एक कविता लिखी थी। उन्होंने लिखा था – ‘उस स्वर्णिम दिन के लिए आज से ही तैयार हो जाओ और त्याग करो। जो पाया है, उसमें मत खो जाओ, जो खोया है, उसके बारे में सोचो।’