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माफिया अतीक अहमद के बेटे अली की बैरक से मिला कुछ ऐसा, नप गए डिप्टी जेलर साहब, जानिए क्या थी वो चीज?

Atiq Ahmed Son: प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक से नकदी बरामद होने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। दरअसल, मंगलवार को जेल डीआईजी राजेश श्रीवास्तव द्वारा रूटीन चेकिंग के दरम्यान उस हाई सिक्योरिटी बैरक की तलाशी ली गई, जहां अली अहमद बंद […]

Atiq Ahmed Son
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  • Last Updated: June 19, 2025 16:30:05 IST

Atiq Ahmed Son: प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक से नकदी बरामद होने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। दरअसल, मंगलवार को जेल डीआईजी राजेश श्रीवास्तव द्वारा रूटीन चेकिंग के दरम्यान उस हाई सिक्योरिटी बैरक की तलाशी ली गई, जहां अली अहमद बंद है। तलाशी के दौरान बैरक से 1100 रुपये नकद बरामद हुए, जो नियमों के सख्त उल्लंघन के अंतर्गत आता है।

जेल अधीक्षक रंग बहादुर के मुताबिक अली अहमद से मिलने आए एक मुलाकाती ने उसे 1100 रुपये दिए थे, ताकि वह जेल में इस्तेमाल के लिए कूपन खरीद सके। जेल व्यवस्था के तहत कैदियों को नकदी रखने की अनुमति नहीं है और वे कूपन के जरिए ही जरूरी सामान खरीद सकते हैं। लेकिन, अली ने ये कूपन नहीं खरीदे और पैसे अपने पास छिपाकर रख लिए। वही 1100 रुपये बाद में डीआईजी द्वारा चेकिंग के दौरान बरामद किए गए।

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डिप्टी जेलर और हेड वार्डर निलंबित

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल प्रशासन ने नैनी जेल की डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डर संजय द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इसके आगे डीआईजी ने नैनी जेल के जेलर, डिप्टी जेलर और अन्य कर्मियों की भूमिका की जांच के भी निर्देश दिए हैं, ताकि यह मालूम लगाया जा सके कि यह पूरा माजरा किसी मिलीभगत का कहीं हिस्सा तो नहीं हैं।

गौरतलब है कि अली अहमद इस समय हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। रंगदारी के एक मामले में सरेंडर करने के बाद से ही वह जेल में बंद है। इसके अलावा उस पर जेल से ही उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने का भी आरोप है। अली पर अतीक अहमद की मौत के बाद गैंग आईएस 227 की कमान संभालने का भी आरोप है। ऐसे में उसके बैरक से नकदी बरामद होना और जेल कर्मियों की संलिप्तता पर सवाल उठ रहे हैं।

अब सवाल यह है कि हाई प्रोफाइल कैदी तक नकदी कैसे पहुंची? क्या जेल की सुरक्षा में चूक हुई या फिर यह अंदर से मिलीभगत का नतीजा है? ये जांच के बाद ही स्पस्ट हो पाएगा।

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