Farooq Abdullah: इजराइल और ईरान के बीच युद्ध के बीच गुरुवार (19 जून) को 110 भारतीय छात्रों को भारत वापस लाया गया। इनमें से ज़्यादातर छात्र जम्मू-कश्मीर के हैं। भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के ज़रिए ईरान में फंसे छात्रों को निकाला। इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “प्रधानमंत्री और जयशंकर जी ने जो काम किया है, उसमें सभी को लाया गया है। जो बचे हैं उन्हें भी लाया जाएगा, यह बहुत बढ़िया काम है।”
इजराइल और ईरान के बीच युद्ध पर उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि कोई भी युद्ध किसी व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं होता। इसके प्रभाव बुरे होते हैं। जो बातचीत से हो सकता है, वह युद्ध से नहीं हो सकता। जितना हो सके, लड़ो।”
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए भारतीय छात्रों ने वहां के हालात को याद किया और स्वदेश वापसी के लिए कदम उठाने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया। ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्रों को लेकर पहला विमान गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचा।
भारतीय दूतावास ने मंगलवार को 110 छात्रों को सुरक्षित आर्मेनिया में प्रवेश कराने में मदद की। इसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि और लोगों को निकाला जा रहा है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री का भी प्रभार संभाल रहे कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “हमारे पास विमान तैयार हैं। हम आज एक और विमान भेजेंगे। हम तुर्कमेनिस्तान से कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं। निकासी अनुरोधों के लिए हमारे दूतावासों से 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है। जैसे-जैसे हालात सुधरेंगे, हम भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और भी विमान भेजेंगे।”