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अमेरिका शुरू करने जा रहे हैं WW2, इजरायल-ईरान जंग में भेज दिया अपना ‘बाहुबली’…! जाने आखिर क्या है ट्रंप का प्लान?

Israel-Iran War : मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग के अमेरिका ने बड़ा खेला कर दिया है। असल में ऐसी खबर सामने आई है कि अमेरिकी राज्य मिसूरी स्थित वाइटमैन एयर फोर्स बेस से चार B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स और आठ KC-135 टैंकर विमान ने उड़ान भर दी है। इस […]

B 2 Bomber in Israel-Iran War
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  • Last Updated: June 21, 2025 16:19:35 IST

Israel-Iran War : मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग के अमेरिका ने बड़ा खेला कर दिया है। असल में ऐसी खबर सामने आई है कि अमेरिकी राज्य मिसूरी स्थित वाइटमैन एयर फोर्स बेस से चार B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स और आठ KC-135 टैंकर विमान ने उड़ान भर दी है।

इस खबर के बाद से क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है। अमेरिका का B-2 स्पिरिट इस जंग में काफी अहम भूमिका निभा सकता है। क्योंकि यह विमान GBU-57 बंकर बस्टर बम ले जाने में सक्षम है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी बेड़ा भारत के पड़ोस में स्थित अमेरिका के रणनीतिक सैन्य अड्डे डिएगो गार्सिया की ओर बढ़ रहा है। डिएगो गार्सिया हिंद महासागर में स्थित है, जहां से अमेरिका ईरान समेत पूरे मध्य पूर्व पर हमला कर सकता है।

बी-2 बॉम्बर की खासियत

रडार की पकड़ में न आने वाले बमवर्षकों की खास बात इनकी ‘अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज’ है, जो आठ टैंकर विमानों द्वारा हवा में ही ईंधन भरने से संभव हुई। यह कोई सामान्य सैन्य तैनाती नहीं है। चर्चा है कि अमेरिका ईरान के फोर्डो परमाणु स्थल पर GBU-57 बंकर बस्टर बमों से हमला कर सकता है।

ऐसे में अमेरिका का यह कदम नई हलचल पैदा कर रहा है। इस ऑपरेशन में शामिल B-2 विमानों का कॉलसाइन ‘MYTEE21’ है, जिसे पहले भी गुप्त हमले मिशनों से जोड़ा जाता रहा है।

बी-2 स्पिरिट बॉम्बर को दुनिया का सबसे महंगा और गुप्त एयर सिस्टम कहा जाता है। यह कोई साधारण लड़ाकू विमान नहीं है। इसकी कीमत करीब 2.1 बिलियन डॉलर है और इसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने बनाया है। यह विमान किसी भी देश के रडार सिस्टम को चकमा देकर कहीं भी हमला कर सकता है। रडार पर यह एक छोटे पक्षी की तरह दिखता है। यह बिना ईंधन भरे 6,000 समुद्री मील की उड़ान भर सकता है। यह विमान करीब 18 टन हथियार ले जा सकता है।

ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर हमले की तैयारी!

ईरान के फोर्डो जैसे कई परमाणु संयंत्र जमीन के अंदर बहुत गहराई में बने हैं। ऐसे में उन्हें सिर्फ़ GBU-57 जैसे बम ही नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये 200 फीट की गहराई तक घुस सकते हैं। अपने भारी वजन के कारण, इन बमों को सिर्फ़ B2 जैसा बमवर्षक ही ले जा सकता है।

इस मिशन के बारे में पेंटागन की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन जिस पैमाने और तैयारी के साथ यह मिशन चलाया जा रहा है, उससे यह स्पष्ट होता है कि इस तैनाती की तैयारियां पहले से ही की गई थीं।

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