Iran-Israel Clash: ईरान से लौटे लोग जहां सरकार और दूतावास का शुक्रिया अदा कर रहे हैं, वहीं कुछ भारतीय ऐसे भी हैं जो सोचते हैं कि ईरान की धरती पर मरना बेहतर होता। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में मोदी सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ चला रही है। इस बीच कुछ लोग कह रहे हैं कि ईरान की ‘पाक’ धरती पर शहीद का समय है, शहादत से बेहतर मौत नहीं है।
यह कहना है दिल्ली की रहने वाली निदा के पति का, जो अपनी पत्नी को रिसीव करने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। दरअसल, केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंधु के जरिए लगातार भारत के लोगों को सकुशल वापस लाने की कोशिश कर रही है। आज भारतीयों का तीसरा जत्था दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, जिसमें 56 भारतीय सवार थे।
ऐसा ही एक परिवार निदा का है, जिनके पति उन्हें लेने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। निदा के पति ने कहा कि शहीद होकर इंसान अमर हो जाता है। शहादत से बेहतर कोई मौत नहीं है। यहां आने से अच्छा होता कि वहीं मरते। वहां जो मरा, वह अमर हो गया। ईरान की धरती पवित्र है, अब वहां शहीद होने का समय आ गया है।
दिल्ली की रहने वाली निदा ने बताया कि वह 3 जून को ईरान गई थीं। वहां उन्होंने सरकार से मदद मांगी। ईरान में नेटवर्क स्लो होने की वजह से वह किसी से बात नहीं कर पा रही थीं। इसलिए भारत वापस आकर उन्होंने सरकार का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। निदा ने बताया कि सिर्फ बॉर्डर पर दिक्कतें थीं, फिर हम सुरक्षित भारत लौट आए।
वहीं, निदा के पति अपनी पत्नी के ईरान में फंसे रहने को ‘अच्छा’ बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब ईरान की पाक धरती पर शहीद होने का वक्त आ गया है। निदा के पति ने कहा कि वहां भी शांति थी। सिर्फ कनेक्टिविटी नहीं थी। हमारे सुप्रीम लीडर ने कहा कि इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि कोई इंसान शहीद हो जाए। शहीद होने से इंसान अमर हो जाता है।
निदा के पति कहते हैं, “हमारे शियाओं में यह माना जाता है कि शहादत से बेहतर कोई मौत नहीं है। यहां आने से बेहतर वहां शहीद होना था। किसी का अमर हो जाना अलग बात है। जब वक्त आएगा तो हम भी हिंदुस्तान के लिए शहीद होंगे। अभी वहां शहीद होने का वक्त है।”