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ईरान ने खाई US से बदले की कसम…40 हजार अमेरिकी सैनिकों पर मंडरा रही है मौत, खामेनेई का ‘यमराज’ अब लेगा Trump से बदला

Israel-Iran War : रविवार 22 जून को अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, इस्फहान और नतांज पर बमबारी करके जंग में कूद गया है। ट्रंप के इस कदम के बाद से मिडिल ईस्ट के अलावा पूरी दुनिया में हड़कंप मची हुई है और इसके पीछे की वजह ईरान के प्रॉक्सी हैं। असल […]

Israel-Iran War
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  • Last Updated: June 23, 2025 11:57:56 IST

Israel-Iran War : रविवार 22 जून को अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, इस्फहान और नतांज पर बमबारी करके जंग में कूद गया है। ट्रंप के इस कदम के बाद से मिडिल ईस्ट के अलावा पूरी दुनिया में हड़कंप मची हुई है और इसके पीछे की वजह ईरान के प्रॉक्सी हैं।

असल में इराकी आतंकवादी समूह कताइब हिजबुल्लाह ने कहा है कि अगर इजरायल-ईरान संघर्ष में वाशिंगटन कोई हस्तक्षेप करता है तो अमेरिकी सैनिकों पर हमले शुरू कर दिए जाएंगे। इसी वजह से अब अंदेशा लगाया जा रहा है कि ईरान पलटवार करते हुए अमेरिकी सैनिकों को अपना निशाना बना सकता है।

कताइब हिजबुल्लाह के महासचिव अबू हुसैन अल-हमीदावी ने एक बयान में धमकी दी है कि “हम इस क्षेत्र में अमेरिकी दुश्मन की सेना की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। अगर अमेरिका युद्ध में हस्तक्षेप करता है, तो हम बिना किसी हिचकिचाहट के सीधे उसके हितों और पूरे क्षेत्र में फैले ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”

अमेरिकी सैनिकों पर मंडरा रहा है खतरा!

अब माना जा रहा है कि ईरान अपनी सबसे खतरनाक खोर्रमशहर-4 मिसाइलों का इस्तेमाल अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ कर सकता है। इजरायल खोर्रमशहर-4 मिसाइलों को रोकने में विफल रहा है। इसके अलावा कतर की राजधानी दोहा से करीब 20 मील दक्षिण में अल उदीद एयर बेस पर यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का मुख्यालय स्थित है। यह प्रमुख प्रतिष्ठान ईरान से सिर्फ 300 मील की दूरी पर है। ईरान इस एयरबेस पर आसानी से हमले कर सकता है।

ईरान की जद में हैं ये अमेरिकी ठिकाने

फॉक्स न्यूज के अनुसार कुवैत में कई अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान हैं जो ईरान के दक्षिणी सिरे के करीब है, जो इराक के एक छोटे से हिस्से में है। इराक में अल-असद एयर बेस, नेवल सपोर्ट एक्टिविटी बहरीन, ईरान से फारस की खाड़ी के उस पार एक छोटे से देश में स्थित है और ईरान यहां भी आसानी से हमला कर सकता है।

इसके अलावा हिंद महासागर में यूनाइटेड किंगडम का डिएगो गार्सिया एयरबेस भी ईरान से करीब 2,300 मील दक्षिण में स्थित है, जो अमेरिका का एक प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान है। बहुत दूर होने के बावजूद ईरान यहां हमला कर सकता है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर अमेरिका हमला करता है तो विनाशकारी नुकसान होगा।

फॉक्स न्यूज के मुताबिक अमेरिका के करीब 40,000 सैनिक और डिफेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारी मिडिल ईस्ट के अलग अलग देशों में तैनात हैं। इनकी सबसे बड़ी संख्या कुवैत में है, जहां 13,500 सैनिक अलग अलग बेस पर तैनात हैं। ईरान काफी आसानी से इन्हें निशाना बना सकता है।

कतर में अमेरिका का सबसे अहम बेस Al Udeid Air Base है, जो कि CENTCOM का फॉरवर्ड हेडक्वार्टर है। यहां अमेरिकी वायुसेना की 379वीं एयर एक्सपीडिशनरी विंग मौजूद है। इराक में पहले से ही करीब 2500 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं, जो ISIS के खिलाफ ऑपरेशन चलाते रहते है।

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