Israel-Iran War: ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला हुआ है। ईरानी मीडिया ने सोमवार को जानकारी दी कि सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला हुआ है। सीरिया में अमेरिकी अड्डे पर यह हमला अमेरिका के बी-2 बमवर्षक विमान हमले के 36 घंटे बाद हुआ है।
यह हमला ईरान द्वारा किया गया पहला हमला माना जा रहा है, जिसे इजराइल से अलग करके अंजाम दिया गया है। हालांकि ईरान ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ईरान ने चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका युद्ध में कूदता है तो वह मध्य पूर्व में उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा।
मेहर न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीरिया के पश्चिमी हसाका प्रांत के एक इलाके में अमेरिकी सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया। इन सूत्रों ने बताया कि हमले के बाद मुख्य प्रवेश द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। ईरान ने मोर्टार से यह हमला किया है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने 3 ठिकानों पर जवाबी हमले का संकेत दिया है। इरावानी ने कहा कि हम इसका उचित जवाब देंगे। यानी अमेरिका को हम उतना ही नुकसान पहुंचाएंगे, जितना उसने हमें पहुंचाया है।ईरान का कहना है कि इजरायल की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने लोगों की जान खतरे में डाल दी है। ईरान ने अमेरिका पर हमला करने के 5 वाजिब कारण भी गिनाए।
अमेरिका ने ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो परमाणु ठिकानों पर बी-2 बॉम्बर से हमला किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक यह हमला ईरान के परमाणु स्थल पर किया गया। अमेरिका का कहना है कि हमारी कोशिश सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि ईरान परमाणु बम न बना पाए।
दूसरी तरफ ईरान ने इसे संप्रभुता के खिलाफ बताया है। ईरान का कहना है कि अमेरिका ने कानून का पालन नहीं किया है। उसने ईरान पर राजनीतिक हमला किया है।
ईरान के सबसे नजदीकी अमेरिकी ठिकाना इराक में है, लेकिन सीरिया भी ज्यादा दूर नहीं है। हसाका प्रांत ईरान से करीब 1100 किलोमीटर दूर है, इस हमले में कितना नुकसान हुआ है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन बशर अल-असद के समय में ईरान की सीरिया में मजबूत पकड़ थी और उसके प्रतिनिधि अभी भी वहां काम कर रहे हैं।