Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • पितृ दोष ने जीवन में लगा दिया है ग्रहण, नर्क से बदतर हो गई है जिंदगी? तो कल का दिन लाया है एक खास मौका, कर लिए जो ये 5 काम तो स्वर्ग बनेगी लाइफ

पितृ दोष ने जीवन में लगा दिया है ग्रहण, नर्क से बदतर हो गई है जिंदगी? तो कल का दिन लाया है एक खास मौका, कर लिए जो ये 5 काम तो स्वर्ग बनेगी लाइफ

Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या 2025 की तिथि 25 जून को पड़ेगी, जो पितृ शांति और पितृ दोष निवारण के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

Ashadha Amavasya 2025
inkhbar News
  • Last Updated: June 24, 2025 11:49:07 IST

Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या 2025 की तिथि 25 जून को पड़ेगी, जो पितृ शांति और पितृ दोष निवारण के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह अमावस्या 24 जून की शाम 7 बजे शुरू होकर 25 जून को शाम 4:02 बजे समाप्त होगी। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन देवी-देवताओं की कृपा और पितरों के आशीर्वाद को प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर होता है। इस दिन को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है।

पितृ दोष की शांति के लिए करें ये उपाय

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या के दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक किए गए उपाय न सिर्फ वर्तमान जीवन की समस्याओं को दूर करते हैं, बल्कि पीढ़ियों को भी शुभ फल प्रदान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करने से त्रिदेव और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। सुबह स्नान कर पीपल को जल अर्पित करें, दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें, इससे पितृ दोष शांत होता है।

‘वो चीखने पर मजबूर…’ जया बच्चन को लेकर ये क्या बोल गईं काजोल? पैपराजी कल्चर को जमकर कोसा, डरावनी सुनते ही गुस्से से हुईं लाल-पीली

पवित्र नदी में स्नान

इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना भी पुण्यदायी होता है। अगर नदी में स्नान संभव न हो, तो गंगाजल मिलाकर स्नान करें और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में तिल अर्पित करें। यह क्रिया पितरों की आत्मा की शांति के लिए की जाती है।

जरूरतमंदों को भोजन कराएं

पितरों को प्रसन्न करने के लिए उनके नाम पर काली गाय, काला कुत्ता, कौआ, ब्राह्मण या जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। इससे पारिवारिक कष्ट दूर होते हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें

भगवान शिव की विशेष उपासना करते हुए महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से रोगों से मुक्ति और दीर्घायु का वरदान मिलता है। साथ ही काले तिल, तेल, लोहा और वस्त्र का दान राहु-केतु के दोष को शांत करता है और आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है।

जरूरतमंदों को छाता और वस्त्र दान करें

अंत में, आषाढ़ अमावस्या पर जरूरतमंदों को छाता और वस्त्र दान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वर्ष भर घर में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसे में यह दिन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि जीवन में स्थायित्व और संतुलन लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

‘महादेव से सवाल पूछने गया था कि आखिर…’, केदारनाथ दर्शन को लेकर ये क्या बोल गए जीतनराम मांझी, जानकर चौंक जाएंगे!

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।