Shankracharya on Kathawachak: इटावा में कथावाचक मुकुटमणि और उनके साथियों के साथ मारपीट की गई। आरोप है कि ब्राह्मण बनकर कथा सुनाने पर ग्रामीणों ने उन्हें अपमानित किया और उनके सिर मुंडवा दिए। इतना ही नहीं कथावाचक का आरोप है कि उन पर मानव मूत्र भी फेंका गया। अब इस मामले पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी बयान दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है।
इटावा में कथा वाचक की पिटाई पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि लोग जाति की आड़ में अपने कुकर्मों को छिपाते हैं। अगर आप यादव हैं, अगर आप जाटव हैं तो इसमें गलत क्या है, आप अपनी जाति क्यों छिपा रहे हैं। लेकिन जब हम सभी जातियों को कथा सुनाने आते हैं तो सार्वजनिक रूप से कथा सुनाने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मणों को है। शास्त्रों के अनुसार सभी जातियों को कथा सुनाने के लिए सिर्फ ब्राह्मण ही उपयुक्त हैं, यादव और जाटव तो धोखा कर रहे थे, वे अपनी जाति छिपाकर वहां गए थे।
वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर तीन दिन के अंदर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो पीडीए के सम्मान की रक्षा के लिए बड़े आंदोलन का आह्वान करेंगे। इसके साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में कथावाचक और उनके सहयोगी को सम्मानित किया।
बता दें कि इटावा मामले में कथावाचक की पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इटावा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।