नई दिल्लीः संजय गांधी की मौत के महज पांच दिन बाद ही इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक लेख से इंदिरा गांधी का पारा चढ़ गया. इस लेख में खुशवंत सिंह ने मेनका की तारीफ में अपने पेपर एचटी में एक कॉलम लिख डाला कि मेनका संजय की ही तरह हैं. जैसे दुर्गा शेर पर सवार हो, एकदम निर्भय. इस लेख से इंदिरा और मेनका के बीच दरारें बढ़ गईं. इंदिरा को लगता था कि इस लेख के पीछे मेनका की मां हैं.
मेनका ने संजय गांधी पर एक फोटोग्राफिक बुक पर काम करना शुरू कर दिया. इंदिरा गांधी ने उसका फॉरवर्ड (प्रस्तावना) लिखने का वायदा किया. बाद में इंदिरा गांधी की तरफ से पार्टी को मैसेज दे दिया गया कि ना तो मेनका के सपोर्ट में कैम्पेन चलाना है और ना उसे किसी पार्टी फंक्शन में बिना इंदिरा की अनुमति के इनवाइट करना है.
जब मेनका की बुक छपी तो निमंत्रण पहले ही भेजे जा चुके थे. इंदिरा को जब उसकी कॉपी मिली तो वो काफी गुस्सा हुईं. काफी कैप्शन और टेक्स्ट बदल दिया गया था. फाइनल प्रूफ इंदिरा को पहले नहीं दिखाया गया. इंदिरा ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम रद्द कर दिया. मेनका को बुलाया और सख्ती से समझाया कि घर में रहना या ना रहना तुम्हारी मर्जी है लेकिन तुम्हे मेरे तरीके से रहना होगा.
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