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आसाराम के खिलाफ गवाही देने वालों का दुश्मन कौन?

यौन शोषण से जुड़े मामलों में जेल की हवा खा रहे कथित धर्मगुरु आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ मामले में अहम गवाह महेंद्र चावला पर बुधवार सुबह दो अज्ञात नकाबपोश बाइक सवार लोगों ने जान लेवा हमला किया. इससे पहले इस मामले से संबंधित 5 अहम गवाहों पर हमला हो चुका है, जिनमें से दो की जान जा चुकी है.

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  • Last Updated: May 13, 2015 16:12:06 IST

नई दिल्ली. यौन शोषण से जुड़े मामलों में जेल की हवा खा रहे कथित धर्मगुरु आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ मामले में अहम गवाह महेंद्र चावला पर बुधवार सुबह दो अज्ञात नकाबपोश बाइक सवार लोगों ने जान लेवा हमला किया. इससे पहले इस मामले से संबंधित 5 अहम गवाहों पर हमला हो चुका है, जिनमें से दो की जान जा चुकी है.

इंडिया न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम बड़ी बहस में आज इसी पर चर्चा की गयी. आपको बता दें कि आसाराम और उसका बेटा नारायण साईं सत्संग के दौरान महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे जैसा संगीन आरोप लगाने वाले शख्‍स महेंद्र चावला को दो गोलियां मारी गईं हैं. 2001 से 2005 के बीच आसाराम के निजी सहायक रहे महेंद्र पानीपत के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद फिलहाल खतरे से बाहर है. महेंद्र कई बार ये आरोप लगा चुका है कि उसे आसाराम के समर्थकों से जान का खतरा है. हरियाणा पुलिस का कहना है कि महेंद्र को सुरक्षा के लिए एक गनमैन दिया गया था लेकिन वारदात के वक़्त वह मौके से ग़ायब था.

पानीपत के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने बताया कि महेंद्र को एक गनमैन मुहैय्या करवाया गया था, लेकिन वह वारदात के समय उनके साथ नहीं था. हम इसकि जांच कर रहे हैं कि वह ड्यूटी पर क्यों नहीं था, कार्रवाई करेंगे. महेंद्र से पहले मामले के दो अन्य अहम गवाहों की हत्या हो चुकी है और जोधपुर कोर्ट के बाहर आसाराम के समर्थकों ने एक गवाह पर हमला भी किया था. 14 फरवरी 2015 को जोधपुर में सुनवाई के बाद कोर्ट के बाहर पुलिस की मौजूदगी में अहम गवाह राहुल सचान पर आसाराम के कथित समर्थक ने चाकू से हमला किया. 12 जनवरी 2015 को आसाराम के पूर्व सहायक अखिल गुप्ता की यूपी के मुज़फ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

अखिल ने पुलिस को बताया था कि उसने बलात्कार कि शिकार सूरत की दो बहनों को आसाराम और नारायण साईं के कमरे में जाते कई बार देखा था. इससे पहले, जून 2014 में आसाराम के निजी चिकित्सक रहे अमृत प्रजापति की राजकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रजापति 12 साल तक आसाराम के आश्रम में रहने के बाद अलग हो गए थे. उन्होंने आसाराम और नयना साईं पर आश्रम में तंत्र मंत्र करने का आरोप लगाया था जिसके चलते 2 बच्चों की मौत हो गई थी. वहीं पिछले 2 साल से ज़मानत के लिए अदालतों के चक्कर काट रहे आसाराम के तेवर ज्यों के त्यों हैं.

बुधवार को पेशी के बाद जोधपुर कोर्ट के बाहर जब पानीपत की वारदात के बारे में पूछा गया तो आसाराम ने तंज कसते हुए कहा कि मैं ही सबको मरवा रहा हूं और हंसते हुए पुलिस की गाड़ी में बैठ गए. अपने जोधपुर आश्रम में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आसाराम जेल में हैं. साथ ही सूरत की दो बहनों के साथ बलात्कार के मामले में वो अपने बेटे नारायण साईं के साथ आरोपी है.

IANS से भी इनपुट 

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